राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश की डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी की मानक उपाधि लेने से इंकार कर दिया है। सोलन जिले के बागवानी यूनिवर्सिटी के नौवे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद ने उपाधि यह कह कर ठुकरा दी, कि वह इसके लायक नहीं हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से डॉक्टर ऑफ साइंस मानद उपाधि की पेशकश को मना करते हुए कोविंद ने कहा, कि मैं आपकी भावनाओं की कदर करता हूं, लेकिन मैं उपाधि के काबिल नहीं हूं।
जानकारी के मुताबिक, तय कार्यक्रम के मुताबिक राष्ट्रपति को 11.15 बजे ये मानद उपाधि दी जानी थी। लेकिन छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ कह दिया, कि वे इस काबिल नहीं हैं कि डॉक्टर की उपाधि ले सकें। बता दें कि दीक्षांत समारोह में उन्हें उपाधि से नवाजा जाना था। बाकायदा तैयारियां पूरी कर ली गईं थीं। नौणी विवि ने जो बुकलेट प्रकाशित की थी उन पर भी राष्ट्रपति को मानद उपाधि से सम्मानित करने का जिक्र था।
इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो, खेलकूद का मैदान या युद्धक विमानों को उड़ाने की चुनौती। बेटियों ने हर जगह दमदार प्रदर्शन किया है। नौणी विवि में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले नौ छात्रों में पांच बेटियां ही हैं। एक छात्रा ने तो दो स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम सार्थक साबित हो रही है।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में मेधावियों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आचार्य देवव्रत व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर राजेश कुमार, भारती, नेहा वर्मा, अंकिता, चिराग भाटिया, कृतिका शर्मा, प्रियंका चौहान तथा मानवी शर्मा को गोल्ड मेडल दिए. राष्ट्रपति ने अंकिता को एसपी ढुल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। दीक्षान्त समारोह में गोल्ड मेडल के अलावा 462 विद्यार्थियों को डिग्रियां भी प्रदान की गई।