भारत 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगाठ मनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लद्दाख और जम्मू क्श्मीर दौरे पर जा सकते हैं। रामनाथ कोविंद 25 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक घाटी और लद्दाख का दौरा कर सकते हैं।

अफसरों का कहना है कि इस तीन दिवसीय दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कारगिल वॉर मेमोरियल जा सकते हैं। हालांकि अभी इस दौरे की तैयारियां चल रही हैं।

साल 1999 में 26 जुलाई को पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल में मिली जीत को लेकर भारत हर साल कारगिल विजय दिवस के रुप में मनाता है। यह देश की आन बान शा है। इसे ऑपरेशन विजय नाम दिया गया था। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्‍तानी सैनिकों को जम्‍मू कश्‍मीर के कारगिल में करारी शिकस्‍त दी थी।

कारगिल युद्धा करीब तीन माह तक चला था। यानि की हमारी देश की सेना पाकिस्तानियों के खिलाफ तीन माह तक लड़ती रही। पाकिस्तानी सेना बड़ी ही चालाकी के साथ भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर चुकी थी। वे कारगिल को अपने नाम करना चहाते थे। लेकिन भारत की बेहतरीन सेना से इतिहास रच दिया।

वहीं कारगिल दिवस को देखते हुए पूरे देश में तैयारियां जारों पर हैं। गुजरात से नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों ने सशस्त्र बलों के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को रेखांकित करते हुए 30,000 कार्ड तैयार किए हैं जिन्हें आगामी 26 जून को कारगिल युद्ध के 22 साल पूरा होने और युद्ध की याद में मनाये जाने वाले ‘कारगिल विजय दिवस’ से पहले शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए पोस्ट किया गया।

बता दें कि ये लड़ाई करीब 100 किलोमीटर के दायरे में लड़ी गई जहाँ करीब 1700 पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सीमा के करीब 8 या 9 किलोमीटर अंदर घुस आए। इस पूरे ऑपरेशन में भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे और 1363 जवान घायल हुए थे।

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