Prahlad Joshi: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने कहा कि कई पार्टियों ने पेगासस का मुद्दा उठाया है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति मामले की जांच कर रही है और बजट से संबंधित मुद्दों को उठाया जाना चाहिए।
Prahlad Joshi ने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में 25 दलों ने भाग लिया। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग में केवल राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जाता है। सत्र के दूसरे भाग में अन्य मुद्दों को उठाया जा सकता है। हमने कहा है कि यदि पार्टियां संसद के सुचारू संचालन में सहयोग करती हैं, तो सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि यह सत्र सुचारू रूप से चलेगा।
Prahlad Joshi ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक
बता दें कि आज संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बाद में ओम बिरला ने मीडिया को बताया कि सभी दलों के नेताओं ने आश्वासन दिया कि इस महत्वपूर्ण बजट सत्र (Budget 2022) में वे संसद को चलाने में सहयोग करेंगे। स्पीकर ने उनसे यह भी आग्रह किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर व्यापक चर्चा की जा सकती है। सांसद देश के मुद्दे उठा सकते हैं और चर्चा हो सकती है।
Budget 2022: राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू हुआ बजट सत्र

बता दें कि सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र (Budget 2022) की शुरुआत हुई। बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया। इसके बाद लोकसभा मंगलवार, 1 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बता दें कि आर्थिक सर्वे को देश की आर्थिक स्थिति का बैरोमीटर कहा जाता है। इससे पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था का इंजन कितनी तेजी से और किस दिशा में जा रहा है। साथ ही पता चलता है कि पिछले बज में किए गए एलान किस हद तक जमीन पर उतारे जा सकेंगे।
वैसे आर्थिक सर्वे तैयार करने का काम चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का होता है लेकिन इस बार इसे प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल और अन्य अधिकारियों ने मिलकर तैयार किया है।
बात दें कि आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुमान के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है।

आर्थिक सर्वे में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आर्थिक सर्वे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है।

इससे पहले अपने अभिभाषण में आज राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस, सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य, डिजिटल इंडिया, गांधी खादी, महिला सशक्तीकरण, देश की अर्थव्यवस्था,अफगानिस्तान में उत्पन्न हुए संकट आदि पर बात की।
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