लखनऊ पुलिस मुख्यालय से भेजी गई स्पेशल जांच पुलिस टीम पर गिरवां थाना पुलिस ने हमला बोल दिया। इस हमले में आईपीएस हिमांशु के हाथ-पैर तोड़ दिए गए। जिले में बालू से भरे ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायत डीजीपी को जब मिली तो उन्होंने स्पेशल टीम भेजी। टीम ने पुलिस वालों को रंगे हाथों पकड़ लिया। जिसके बाद पुलिस के लोगों ने आईपीएस के हाथ-पैर तोड़ दिए। इस मामले में थानाध्यक्ष और एक सिपाही को निलंबित कर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सूबे के नए डीजीपी ओपी सिंह ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी।

पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया कि बालू भरे ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली किए जाने की शिकायत पर डीजीपी ने लखनऊ से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार और मोहित गुप्ता की अगुआई में बाहरी जिले के पुलिसकर्मियों के साथ गोपनीय ढंग से एक दल भेजा था, इसकी भनक जिले में नहीं थी।

उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह यह दल जैसे ही गिरवां थाने के पास पहुंचा, वहां कुछ पुलिसकर्मी और उनके लोग बालू भर कर गुजर रहे ट्रकों से अवैध वसूली करते पकड़ लिए गए। उन्होंने बताया कि ‘खुद के पकड़े जाने पर पुलिसकर्मियों ने दल पर हमला बोल दिया, जिससे आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के हाथ और पैर टूट गए हैं।

बांदा जिले में एनजीटी, उच्च न्यायालय और राज्य सरकार की कड़ी हिदायत के बाद भी रेत माफिया अपनी करतूतों से बाज नहीं आते हैं। स्थारनीय प्रशासन हमेशा एक ही तरह के बयान देते हैं कि इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उत्तसर प्रदेश सरकार ने भी मशीनों से रेत खनन न करने की सख्ता हिदायत दे रखी है, लेकिन इसका असर खनन माफियाओं पर नहीं पड़ता है। वैध खदानों के अलावा भी यहां पुलिस और अन्ये अधिकारियों की मिलीभगत से शाम ढलते ही केन और बागै नदियों से अवैध तरीके से खनन का काम शुरू कर दिया जाता है।