विश्व में खिलौना बाजार करीब 100 बिलियन डॉलर का है। भारत की हिस्सेदारी इसमें डेढ़ फीसदी ही है। हम अपनी आवश्यकता का लगभग 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना बाजार को बढ़ावा देने का आव्हान किया है। आज मोदी टायकैथन-2021 के प्रतिभागियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं। पीएम मोदी को प्रतीभागियों ने कई सुझाव दिए हैं उन्हें और काम करने के लिए कहा है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, वैश्विक खिलौना बाजार करीब 100 बिलियन डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ डेढ़ बिलियन डॉलर के आसपास ही है। आज हम अपनी आवश्यकता के भी लगभग 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं। यानि इन पर देश के करोड़ों रुपये बाहर जा रहे हैं। इस स्थिति को बदलना ज़रूरी है।
पीएम अपने अगले ट्वीट में लिखते हैं, जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स मार्केट में उपलब्ध हैं, उनमें से अधिकतर का कॉन्सेप्ट भारतीय नहीं है। अनेक गेम्स के कॉन्सेप्ट या तो हिंसा को प्रमोट करते हैं या फिर मानसिक तनाव का कारण बनते हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि खिलौने और खेल हमारी मानसिक शक्ति, सृजनात्मकता, अर्थव्यवस्था और ऐसे अनेक पहलुओं को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन विषयों की बात भी उतनी ही आवश्यक है। भारत के वर्तमान सामर्थ्य को, भारत की कला-संस्कृति को, भारत के समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है। इसमें हमारी खिलौने और गेमिंग इंडस्ट्री बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।
बता दें कि पीएमओ के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय सहित कई अन्य मंत्रालयों ने पांच जनवरी को टायकैथन-2021 की संयुक्त रूप से शुरुआत की थी। देश से लगभग 1.2 लाख प्रतिभागियों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराकर 17 हजार से अधिक नए विचार रखे। इनमें से 1,567 विचारों को 22 जून से 24 जून तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय आनलाइन टायकैथन ग्रैंड फिनाले के लिए चुना गया।
टायकैथन का मुख्य उद्देशय भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है। कोरोना काल के कारण इसे ऑनलाइन ही आयोजित किया गया था।