PFI Ban: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही पीएआई के 8 सहयोगी संगठनों पर भी केंद्र सरकार ने 5 सालों के लिए बैन लगा दिया है। सरकार की इस कार्रवाई के बाद दिल्ली में पुलिस अलर्ट पर है। लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और कई तरह की तैयारियां भी कर चुकी है।
PFI Ban: संवेदनशील इलाकों में पुलिस सतर्क
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पुलिस के 250 जवानों ने मॉक ड्रिल की है। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से कैसे निपटें, इसकी पूरी तैयारी कर ली गई हैं। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में पुलिस के जवानों ने मॉक ड्रिल के दौरान आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च भी किया गया।
इस ड्रिल में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले की भी प्रेक्टिस की गई। इसके अलावा वाटर कैनन, मल्टी बैरल लॉन्चर समेत कई एक्सरसाइज की गई। अभ्यास के दौरान दंगा जैसे हालात से निपटने के लिए पुलिस को क्या करना चाहिए। इमरजेंसी रेस्पोरेंस प्लान भी अभ्यास किया गया। ये अभ्यास ज्योति नगर, जाफराबाद और सीलमपुर के संवेदनशील इलाकों में की गई।
PFI Ban: गृह मंत्रालय ने PFI पर लगाया बैन
बता दें कि बुधवार को गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर बैन लगा दिया। गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएआई और उसके सहयोगी संगठनों के संबंध इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है। आरोप है कि ये संगठन देश में एक विशेष समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही पीएफआई और इसके समर्थक बार-बार देश में हिसंक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।
PFI Ban: केंद्रीय एजेंसियों ने की थी छापेमारी
बता दें कि इससे पहले NIA , ED और राज्यों की पुलिस ने मिलकर 22 सितंबर और 27 सितंबर को देश के अलग-अलग राज्यों में पीएफआई के कई ठीकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे।
दूसरे राउंड की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 247 लोग गिरफ्तार किए गए। जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी। जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर बैन लगाने का फैसला किया।
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