कांग्रेस द्वारा बढ़ते पैट्रोल और डीजल के दामों को लेकर देशभर में बंद का आह्वान किया, लेकिन ये उसके खिलाफ ही जाता दिख रहा है। देहरादून में भारत बंद के खिलाफ लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। ये गुस्सा यूं ही नहीं था, जो सुबह उठकर काम पर आया उसका दिन बर्बाद हो गया। बंद से उसकी दिहाड़ी की बलि ले ली। कांग्रेस भले ही अपने बंद से गदगद हो लेकिन पूरे उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, चंपावत, रुद्रपुर, रुड़की और पौड़ी से लेकर गदरपुर तक में लोग कांग्रेस के जबरन बंद से बेहद नाराज दिखे।
जनता में इस बात की नाराजगी देखी गई कि एक तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगी है। वहीं कांग्रेस के भारत बंद से उनकी दुकानें बंद है जिससे व्यापार पर गहरा असर पड़ा है। देहरादून में भारत बंद को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद कराईं, कई दुकानदारों से जमकर बदतमीजी तक की।
सैकड़ों की तादाद में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बाइक से सड़कों पर जुलूस निकाले। यातायात नियमों को ठेंगा दिखाया गया। देहरादून में कांग्रेस के भारत बंद की कमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने खुद संभाली। शहर भर में घुम-घुम कर दुकानों को बंद कराया। इस दौरान दफ्तर आने-जाने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जबरन व्यापारियों से दुकाने बंद करवाये गये। इससे व्यापारियों में गुस्से का माहौल है। दुकानों पर नौकरी करने वाले कर्मचारी भी कांग्रेस के भारत बंद से बेहद नाराज दिखे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन बंद कराने पर कई व्यापरियों ने जमकर विरोध में अपनी आवाजें बुलंद कीं। उनका कहना था कि नेता आते हैं और बंद करा देते हैं। इसका नुकसान तो लोगों का ही होता है।
बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर कांग्रेस के भारत बंद का देश के लगभग 21 राजनैतिक दलों ने समर्थन किया है। उत्तराखंड में भी कुछ एक दलों ने बंद में कांग्रेस का समर्थन कर दुकानों को बंद करवाया। इसी के तहत पहाड़ पर साइकिल चलाने में नाकाम सपा भी आज सड़कों पर उतरी। कांग्रेस से कदमताल करते हुए दुकानों को बंद कराया।
बीजेपी ने कांग्रेस और सहयोगी दलों के भारत बंद को गलत करार दिया है। बीजेपी और सरकार दोनों ही तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा की कांग्रेस को जनता ने कभी गंभीरता से नहीं लिया है। साथ ही बीजेपी एक चार्ट बनाकर ये दिखाएगी कि कांग्रेस के वक्त में कब कितनी महंगाई बढ़ी।
सियासी दल अपनी सियासी तलवार चमकाने के लिये बंद कराते हैं। कांग्रेस ने भी यही किया है जिसमें उसके साथ 21 छोटे-बड़े दल भी हैं। लेकिन इससे महंगाई से परेशान जनता में उबाल है। क्योंकि जबरन दुकानें बंद कराने और किसी के पेट पर चोट करने से जनाधार तो कभी नहीं बढ़ता महाशय जी। अब इसका फायदा किसे होगा इसका गुणा-भाग यही सियासी दल करें।
– ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन