प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र और गोवा के भाजपा कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कोलकाता में हुई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली और महागठबंधन को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। मोदी ने लोकतांत्रिक जनता दल प्रमुख शरद यादव के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कल कोलकाता के जिस मंच से ये लोग (विपक्ष) देश और लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे थे, उसी मंच से एक नेता ने बोफोर्स घोटाले की याद दिला दी। आखिर सच्चाई कभी तो मुंह पर आ ही जाती है।

ममता बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता में महारैली बुलाई थी। इसमें कांग्रेस समेत 15 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। इस दौरान शरद यादव ने बोफोर्स घोटाले का जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा था, “बोफोर्स की लूट, फौज का हथियार और फौज का जहाज यहां लाने का काम हुआ है। ये जो सरकार है, भारत के लोग सीमा पर शहादत दे रहे हैं और डकैती डालने का काम बोफोर्स में हुआ, डकैती हो गई है।” इसके बाद टीएमसी नेता के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने अपनी गलती सुधारी। उन्होंने कहा- राफेल, माफ करना मैं गलती से बोफोर्स बोल गया था।

पीएम मोदी ने ईवीएम को लेकर  सवाल उठाने पर विपक्ष को घेरते हुए कहा, ‘ये लोग अभी से ही हार 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर बहाने खोजने लगे हैं। ईवीएम को विलन बताने लगे हैं। यह स्वाभाविक है कि हर राजनीतिक पार्टी चुनाव जीतना चाहती है, लेकिन जब कुछ दलों को जनता का आशीर्वाद मिलता तो वे परेशान हो जाते हैं। वे लोग जनता को बेवकूफ समझते हैं और इसलिए रंग बदल रहे हैं।’

संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर रहा महागठबंधन
मोदी ने कहा, “महागठबंधन वाले वही लोग हैं जो बिना सोचे समझे देश की हर संवैधानिक संस्था को बदनाम करते हैं। उन्होंने एक दूसरे के साथ गठबंधन किया है तो हमने सवा सौ करोड़ देशवासियों के साथ गठबंधन किया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “ये महागठबंधन एक अनोखा बंधन है। ये बंधन नामदारों का बंधन है। ये बंधन भाई-भतीजेवाद का बंधन है। ये बंधन भ्रष्टाचार और घोटालों का बंधन है। ये बंधन नकारत्मकता का बंधन है। अस्थिरता और असमानता का बंधन है।”

सवर्ण आरक्षण को लेकर मोदी ने कहा- जो लोग आरक्षण में 8 लाख रुपए लिमिट की बात कर रहें है, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आयकर देने की लिमिट जो 2.50 लाख रुपए है वह व्यक्तिगत आय पर है, जबकि आरक्षण की लिमिट पूरे परिवार के लिए तय की गई है प्रधानमंत्री ने कहा- जो लोग मुझे कहते हैं कि मैंने 10% आरक्षण का फैसला चुनाव के लिए किया, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि देश में चुनाव कब नहीं होते? इससे पहले ये फैसला करता, तो लोग बोलते कि 5 राज्यों के चुनाव में फायदे के लिए किया। अगर हमारे 10% आरक्षण देने के निर्णय में ताकत न होती, तो विपक्षी दलों की नींद हराम न होती।