केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मद्रास हाई कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के परीक्षा परिणाम पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट 12 जून को सुनवाई करेगा। इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने 8 जून को नीट के नतीजे जारी करने पर रोक लगा दी थी।
प्रश्नपत्रों में था भेदभाव का आरोप
दरअसल मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच में नीट परीक्षा को लेकर एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि एमबीबीएस और बीडीएस प्रवेश परीक्षा के लिए नीट का अंग्रेजी प्रश्नपत्र क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्रों के मुकाबले अधिक कठिन था। इस याचिका में खासकर गुजराती भाषा के प्रश्नपत्र का जिक्र किया गया था।
सीबीएसई की सफाई
सीबीएसई ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट में इस बात से इंकार किया कि नीट परीक्षा में भाषा को लेकर भेदभाव हुआ था। कथित भाषाई असमानता का जवाब देते हुए सीबीएसई ने अपने जवाबी हलफनामे में इस बात को खारिज किया कि गुजराती जैसे क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्र अंग्रेजी की तुलना में आसान थे।
इसके बाद सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और इस सम्बन्ध में एक याचिका भी दायर की। सीबीएसई की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने छात्रों के भविष्य का हवाला देकर माननीय सर्वोच्च न्यायलय से जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था। जिसके बाद न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ सीबीएसई की याचिका पर सुनवाई करने को राजी हो गई थी।
12 जून को होगी सुनवाई
सीबीएसई द्वारा दायर की गई याचिका पर आज टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की याचिका पर 12 जून को सुनवाई करेगा। इसके अलावा जस्टिस अशोक भूषण की पीठ नीट परीक्षा से सम्बंधित मद्रास और गुजरात हाई कोर्ट में लंबित पड़े मामलों के हस्तांतरण संबंधी याचिकाओं की सुनवाई पर भी सहमत हो गई है।