Odisha Train Accident:ओडिशा के बालासोर में 2 जून शुक्रवार शाम हो हुए भीषण ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 288 पहुंच गई है। वहीं, 1000 से अधिक लोगों के जख्मी होने की खबर है। घटना के तीसरे तीन यानी आज रविवार को दुर्घटनास्थल पर मरम्मत का कार्य तेजी से जारी है। मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मरम्मत कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं, इस बीच रेलवे बोर्ड ने बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर आज रविवार को प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कई अहम जानकारी दी। रेलवे बोर्ड की संचालन और व्यवसाय विकास सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि तीन नहीं बल्कि सिर्फ एक ट्रेन हादसे की शिकार हुई है। उन्होंने कहा कि केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस ही दुर्घटना की शिकार हुई है।

Odisha Train Accident: प्रारंभिक जांच में सिग्नल में गड़बडी की बात आई सामने-रेलवे बोर्ड
बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर रेलवे बोर्ड ने आज प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में घटना को लेकर सिग्नल में गड़बड़ी की बात सामने आई है। रेलवे बोर्ड की संचालन और व्यवसाय विकास सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा,”रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक माल गाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिली थी। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस आई थी।”
उन्होंने बताया कि यह ट्रेन शालीमार से चेन्नई को जा रही थी और इसकी स्पीड 128 किमी प्रति घंटा थी। जया सिन्हा ने आगे कहा,”हम अभी भी रेलवे सुरक्षा आयुक्त की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई।”
उन्होंने बताया,”मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी/घंटा की गति से पार कर रही थी।”
हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं -जया वर्मा सिन्हा
जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि हमारा हेल्पलाइन नंबर 139 उपलब्ध है। यह कोई कॉल सेंटर नंबर नहीं है। उन्होंने कहा,”हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं और हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। घायल या मृतक के परिवार के सदस्य हमें फोन कर सकते हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे उनसे मिल सकें। हम उनकी यात्रा और अन्य खर्चों का ध्यान रखेंगे।”
उन्होंने आगे कहा,”कवच भारत में बनाया गया सिस्टम है। आने वाले भविष्य में हम इसका निर्यात भी कर सकेंगे। ये रेल की सुरक्षा से संबंधित है इसलिए हमने इसकी कड़ी टेस्टिंग की है। रेल मंत्री ने खुद ट्रेन में बैठ कर इसकी जांच की है। इस यंत्र को सभी लाइनों और ट्रेनों में लगाने में समय और पैसा लगेगा।”
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