भारत ने मिसाइल से मिसाइल नष्ट करने की तकनीक का विकास कर लिया है। कल शाम हुई सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल के तीसरे सफल परीक्षण के बाद भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली। पूर्णतया स्वदेशी रूप से विकसित इस एडवांस्ड एयर डिफेंस एएडी सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का ओडिशा के बालासोर परीक्षण केन्द्र से गुरुवार को सफल परीक्षण किया गया।

यह मिसाइल बेहद कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही मार गिराने में सक्षम है, जो सामने से आ रही बैलिस्टिक मिसाइल को धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्वक निशाना बनाकर उसे नष्ट कर सकता है। रक्षा सूत्रों ने परीक्षण की सफलता की जानकारी देते हुए कहा कि यह एक सीधा निशाना था जो सफल रहा।  सूत्रों ने बताया, ‘आज का परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के विभिन्न मानकों के सत्यापन के लिए किया गया और सभी सफल रहे।’

रक्षा सूत्रों ने बताया कि चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर तीन से टारगेट मिसाइल ‘पृथ्वी’ दागी गई। इसके बाद ट्रैकिंग रडारों के सिग्नल की सहायता से बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप पर तैनात इंटरसेप्टर मिसाइल ने गर्जना करते हुए बीच हवा में दुश्मन मिसाइल को सफलतापूर्वक निशाना बनाते हुए नष्ट कर दिया।

आपको बता दें कि इस सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का इससे पहले 11 फरवरी और एक मार्च को भी परीक्षण किया जा चुका है। यह बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल भारत की रक्षा प्रणाली का अब एक प्रमुख हिस्सा हो चुका है।

मिली जानकारी के अनुसार 7.5 मीटर लंबी यह मिसाइल हाई-टेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मेकैनिकल एक्टीवेटर वाली दिशा निर्देशन प्रणाली से सुसज्जित है। इस अत्याधुनिक मिसाइल का अपना खुद का मोबाइल लांचर है। यह दुश्मन मिसाइल को निशाना बनाने के लिए सुरक्षित डाटा लिंक, आधुनिक रडार, नेविगेशन प्रणाली और अन्य नए तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी विशिष्टताओं से युक्त है।

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