बिहार के मुजफ्फरपुर, देवरिया और भोपाल के शेल्टर होम में हुए घिनौने कांड के बाद इंसानियत शर्मसार है। इन शेल्टर होम में हुए घिनौने कांड़ की गूंज अभी थमी भी नहीं है कि पटना के आसरा शेल्‍टर होम में रह रहीं दो युवतियों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया है। बीते शनिवार को पटना के आसरा होम स्थित बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की देखरेख में चल रहे इस शेल्‍टर होम की दो युवतियों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई।

आसरा होम के संचालक और कर्मचारियों ने दोनों युवतियों की मौत की सूचना स्‍थानीय पुलिस को दिये बिना एक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि दूसरे शव को पुलिस ने जब्‍त कर लिया है। अब मेडिकल बोर्ड का गठन कर दोबारा पोस्‍टमॉर्टम कराया जाएगा। खास बात यह है कि एक युवती के शव का पोस्‍टमॉर्टम कल ही पीरबहोर थाना पुलिस की मौजूदगी में करा दिया गया, लेकिन शेल्‍टर होम के कर्ताधर्ताओं ने स्थानीय राजीव नगर थाना को युवतियों की मौत की कोई सूचना तक नहीं दी। ऐसे में दोनों युवतियों की मौत की परिस्थितियां पूरी तरह संदिग्‍ध दिख रहीं हैं। घटना उजागर होने के बाद पुलिस शेल्‍टर होम संचालक तथा उसके सचिव सहित पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इसके मुख्य कर्ताधर्ता में मनीषा दयाल हैं।

शेल्टर होम की घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश सरकार पर एक बार फिर वार किया है। तेजस्वी ने लिखा है।

वहीं पीएमसीएच प्रशासन का कहना है कि दोनों युवतियों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। बताया जा रहा है कि एक को फेफड़े में संक्रमण था, वहीं दूसरे को बुखार-पेट दर्द की परेशानी थी। पटना के राजीव नगर थाना स्थित आसरा शेल्‍टर होम वही है, जहां रह रही चार युवतियों ने ग्रिल काटकर भागने की कोशिश की थी। उसके बाद से ही आसरा शेल्‍टर होम में पुलिस तैनात थी। ऐसे में युवतियों की बीमारी से लेकर मौत तक की खबर स्‍थानीय पुलिस को क्‍यों नहीं मिल सकी, यह सबसे बड़ा सवाल है। इसी साल 1 मई को खोले गये इस आसरा गृह में कई जिलों से लाकर लड़कियों को रखा गया है। मानसिक रूप से कमजोर महिलाओं और बच्चों को बेहतर आशियाना मुहैया कराने का दावा करने वाले आसरा होम में 75 महिलाएं और बच्चे थे, जिनमें दो की मौत हो चुकी है।

—एपीएन ब्यूरो