Niti Aayog की बैठक के बाद बढ़ी सियासी गर्मी! PM मोदी का विकसित भारत विजन, नीतीश कुमार और गैर-BJP मुख्यमंत्रियों की दूरी बनी मुद्दा

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Niti Aayog Meeting: नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक शनिवार को दिल्ली में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस बार बैठक का मुख्य विषय था – ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’। पीएम मोदी ने कहा कि यदि सभी राज्य समर्पण से कार्य करें तो 2047 से पहले ही भारत विकसित राष्ट्र बन सकता है।

पीएम मोदी ने दिए अहम सुझाव

बैठक में प्रधानमंत्री ने पर्यटन, शहरी विकास, और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषयों पर जोर दिया। उन्होंने कहा:

  • हर राज्य को कम से कम एक वैश्विक मानकों वाला पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए।
  • भविष्य के लिए तैयार शहर बनाना अनिवार्य है।
  • महिलाओं को सम्मानजनक रूप से कार्यबल में शामिल करने के लिए ठोस नीतियां बनानी होंगी।

किन राज्यों के सीएम रहे गैरहाज़िर?

इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन चार राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक से गैरहाज़िर रहे:

  • ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल): कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया
  • पिनाराई विजयन (केरल): अपनी जगह वित्त मंत्री केएन बालगोपाल को भेजा
  • सिद्धारमैया (कर्नाटक): पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम का हवाला
  • एन रंगासामी (पुडुचेरी): कोई कारण सामने नहीं आया

इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति भी चर्चा में रही। उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “नीति आयोग की बैठक में नहीं, बल्कि पीएम और एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने आए हैं। बैठक का समय थोड़ा बढ़ा दिया गया है। उसी में भाग लेंगे।”

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में शामिल ना हुए हों।

विपक्ष का हमला और भाजपा की प्रतिक्रिया

बैठक से विपक्षी मुख्यमंत्रियों की दूरी को लेकर कांग्रेस ने नीति आयोग को ‘अयोग्य आयोग’ करार दिया। इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर निशाना साधा और कहा, “जयराम अपनी पार्टी का राम-राम करके छोड़ देंगे।”

भारत बना चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

बैठक के दौरान यह तथ्य भी सामने रखा गया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और उसने जापान को पीछे छोड़ दिया है। पीएम मोदी ने इसे राष्ट्र के आर्थिक सुधारों और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।