निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को चार दोषियों में से एक दोषी पवन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति पहले ही अन्य तीनों दोषियों की दया याचिका खारिज कर चुके हैं। पवन की दया याचिका खारिज होते ही चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, मैं राष्ट्रपति जी का धन्यवाद करना चाहती हूं। मुझे तसल्ली मिली कि दोषियों की आखिरी दया याचिका खारिज हुई। अभी हम नए डेथ वारंट के लिए आवेदन देंगे। उम्मीद करते हैं कि ये डेथ वारंट आखिरी होगा।

वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार सुबह मौत की सजा पाए चारों दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जांच कराने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसे सबसे पहले एनएचआरसी के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। इससे पहले सोमवार को चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। पुराने डेथ वारंट के अनुसार सभी दोषियों को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी थी। कोर्ट के फैसले के बाद फिलहाल यह टल गई।

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