एनडीए उम्मीदवार और जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश  नारायण सिंह को राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुना गया। तीन बार हुई वोटिंग में उन्हें 125 वोट मिले जबकि  विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिलें।

आपको बता दें कि सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति एम वैंकेया नायडू ने सदन पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद उपसभापति पद की चुनाव प्रक्रिया शुरु करवायी। हरिवंश के पक्ष में 125 और हरिप्रसाद के पक्ष में 105 मत पड़े। मतदान में दो सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया। सदन में कुल 232 सदस्य मौजूद थे।

हरिवंश के पक्ष में जदयू के आर सी पी सिंह, भाजपा के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया। वहीं हरिप्रसाद के लिये बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद की मीसा भारती, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता, सपा के रामगोपाल यादव और राकांपा की वंदना चव्हाण ने प्रस्ताव पेश किया।

इन प्रस्तावों पर मत विभाजन के बाद सभापति नायडू ने हरिवंश को उप-सभापति निर्वाचित घोषित किया। इसके बाद हरिप्रसाद ने हरिवंश को उनके स्थान पर जाकर बधाई दी। नेता सदन अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने हरिवंश को बधाई देते हुये उन्हें उपसभापति के निर्धारित स्थान पर बिठाया।

हरिवंश नारायण की जीत हरिवंश की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। वहीं विपक्ष ने भी हरिवंश को बधाई दी और उनके विभिन्न क्षेत्रों के अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन को सदन के लिये गौरव का विषय बताया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरिवंश नारायण को राज्यसभा का उपसभापति चुने जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।

वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हरिवंश का राज्यसभा उपसभापति चुना जाना झारखण्ड के लिए गौरव का पल बताया। उन्होंने कहा कि इस विजय ने दिखाया है कि संसद के सर्वोच्च सदन को भी आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी की विकासपरक नीतियों पर विश्वास है। यह जीत राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी के राजनीतिक कौशल की जीत है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्विट कर हरिवंश नारायण को बधाई देते हुए कहा कि हरिवंश के राज्यसभा का उपसभापति निर्वाचित होने पर उन्हें हार्दिक बधाई। पत्रकार के रूप में श्री सिंह ने जनता के हितों से जुड़े मुद्दों को हमेशा वरीयता दी।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सदस्य पी जे कुरियन के पिछले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद उपसभापति का पद खाली हुआ था। वोटिंग से पहले ही हरिवंश की जीत तय मानी जा रही थी।