भारतीय रेलवे का विस्तार तेजी से हो रहा है। हालांकि, भले ही रेलवे में टिकट के दाम बढ़ रहे हैं लेकिन रफ्तार और सुविधाओं में भारतीय रेलवे तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। देश में ही निर्मित पहली इंजन रहित ‘ट्रेन 18’ का परीक्षण भारतीय रेलवे ने शुरू कर दिया है। इस सेमी हाईस्पीड इंजन रहित ट्रेन का ट्रायल चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में शुरू किया गया है। इस गाड़ी को लगभग 20 से 21 बार चला कर परीक्षण किया जाएगा। इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह चलाया जाना है। इस गाड़ी की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है। मेट्रो जैसी यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए तकनीकी रूप से मील का पत्थर है। यह ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी।
इस पूरी ट्रेन को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ‘आईसीएफ’ में ही तैयार किया गया है। आरडीएसओ के महानिदेशक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यह पहली मेक इन इंडिया ट्रेन होगी जो आगे चल कर शताब्दी एक्सप्रेस को रिप्लेस करेगी। महानिदेशक आरडीएसओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पूरी ट्रेन सेल्फ प्रोपल्सन सिस्टम टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। इसमें हर बोगी के नीचे ट्रैक्शन मोटर लगाई गई है। 16 बोगियों की ट्रेन में यात्रियों के लिए अधिक सुविधाएं व आरामदेह सीटें मौजूद होंगी।
इस ट्रेन पर इंजन नहीं लगा होगा। यह भी बिलकुल मेट्रो की तरह ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलेगी। इसे चलने के लिए इंजन की जरूरत नहीं होगी। इस ट्रेन में ग्राहकों के लिए सफर को आरामदायक बनाने की खातिर कई इंतजाम किए गए हैं। इसमें ऑटोमेटिक डोअर्स, ऑन-बोर्ड वाई-फाई, इंफोटेनमेंट, जीपीएस-आधारित पैसेंजर इंफोर्मेशन सिस्टम होगा। इसके अलावा मॉड्यूलर टॉयलेट बायो-वैक्यूम सिस्टम के साथ लगे होंगे। रोटेशनल सीट्स होंगी।