दिल्ली में अपहरण और हत्या जैसी वारदात होना एक आम बात हो गई है। आए दिन कोई ना कोई वारदात होती रहती है और पुलिस हमेशा की तरह घटना के बाद ही मदद के लिए पहुंचती है। दिल्ली में रहना वाले 21 साल का आसिफ दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र है जहां दिन में वो पढ़ाई करता है वहीँ रात को अपनी जेब खर्च के लिए कैब चलाता है। बीते गुरूवार को जब वह मिंटो रोड स्थित घर से निकला तो उसने सोचा भी नहीं होगा कि आज की रात उसके लिए कितनी भयानक होने वाली है। रफी और आकाश नाम के दो लोगों ने आसिफ की कैब बुक की। आसिफ बुकिंग लेने दरियागंज इलाके में गया लेकिन दोनों सवारियों ने तय रूट से ना चलकर दूसरे रूट से चलने को कहा। जब आसिफ ने इसका विरोध किया तो वो दोनों उसे धमकाने लगे।
मजबूरी में आसिफ को उनकी बात माननी पड़ी। रफी और आकाश उसे भोपरा बॉर्डर के पास ले गए और उसके साथ मारपीट की। लूट-पाट में अपहरणकर्ताओं को आसिफ के पास से मात्र 150 रुपये ही मिले, तो उन्होंने आसिफ के घर वालों को फोन कर 25,000 रुपये की फिरौती मांगी। अपहरणकर्ताओं ने आसिफ के भाई फलक शेर आलम को पैसा शास्त्री पार्क स्थित एक इलाके में लाने को कहा।
आसिफ के भाई फलक शेर आलम और उनकी पत्नी ने इस बात की जानकारी पुलिस को दे दी और खुद पैसे लेकर अपहरणकर्ताओं को देने चले गए। फलक और उसकी पत्नी रकम लेकर अपहरणकर्ताओं के पास पहुंचे। वहीं इलाके में सादे कपड़ों में पुलिस भी तैनात थी। अपहरणकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी को भांप लिया जिसके बाद वे फरार हो गए। वहीं फलक और उनकी पत्नी आयशा ने भी उनकी गाड़ी का पीछा किया। आखिरकार भजनपुरा में जाकर फलक और आयशा ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया। अपहरणकर्ताओं और आसिफ के भाई-भाभी का आमना सामना हो गया। आसिफ खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगा इसी अफरा-तफरी में आसिफ की भाभी आयशा ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से अपहरणकर्ताओं पर गोली चला दी। एक को गोली कमर में लगी वहीं दूसरे शख्स की टांग पर गोली गली। आसिफ और फलक दोनों को यकीन ही नहीं हुआ कि आयशा ने सच में गोली चला दी है। इस पूरी घटना के थोड़ी देर बाद पुलिस वहां पहुंची और अपहरणकर्ताओं समेत आयशा की बंदूक को भी अपने कब्जे में लिया।
आपको बता दें कि आयशा नेशनल लेवल शूटर रह चुकी हैं और अब वह एक कोच हैं। वहीं पुलिस के मुताबिक, आयशा की पिस्तौल को सीज कर लिया गया है और मामले की आगे जांज की जाएगी। पुलिस के मुताबिक आयशा ने अगर सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई होगी तो उसे कानून के तहत ही सुरक्षा दी जाएगी।