Nasal Vaccine : कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे देशव्यापी टीकाकरण की मुहिम एक करोड़ का लक्ष्य प्राप्त कर चुकी है। टीकाकरण के क्षेत्र में मिली कामयाबी के बाद अब इस रोग के शीघ्र निदान और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अब नया प्रयोग करने के मूड में है। ऑल इंडिया इंस्टीट ऑफ मेडिकल साइंसेज AIIMS के एक वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ संजय राय ने रविवार को कहा कि नाक की COVID-19 वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक गेम-चेंजर Game Changer हो सकती है । ये म्यूकोसल एंटीबॉडी Mucosal Antibody तेजी से बनाती है। जिससे शरीर में रोग के खिलाफ प्रतिरक्षा मजबूत होती है।

बूस्टर डोज Booster Dose का चल रहा परीक्षण
ये बात मशहूर फार्मा कंपनी भारत बायोटेक की ओर से किए जा रहे क्लिनिकल ट्रायल के दो दिन बाद सामने आई। भारत बायोटेक को फेज- तीन के क्लिनिकल ट्रायल में इंट्रानेजल वैक्सीन की बूस्टर खुराक का लैब परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है। AIIMS के एक वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ संजय राय का कहना है कि ये समय गंवाने की बजाय नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने का है। ये कोई आखिरी महामारी नहीं बल्कि भविष्य में होने वाली किसी भी महामारी से खुद को बचाने के लिए तैयार करना है।
वैश्विक प्राधिकरण कर रहा नेजल वैक्सीन का समर्थन
भारत बायोटेक के अधिकारियों का कहना है कि नेजल वैक्सीन Nasal Vaccine की खुराक लेने से संक्रमण रोका जा सकता है। ये शरीर में वायरस संचरण को रोककर प्रतिरक्षा करता है। ये पोलियो की खुराक के समान सिर्फ चार बूंद है एक नथुने में दो और दूसरे में दो। यही वजह है कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO जैसे वैश्विक अधिकारी दूसरी पीढ़ी के टीके के रूप में नेजल वैक्सीन के रूप में आश्वस्त हो रहे हैं।
देश में 9 अलग जगहों पर किया जाएगा ट्रायल
भारत के औषधि महानियंत्रक Drugs Controller General Of India ने भारत बायोटेक को बूस्टर खुराक के रूप में अपने इंट्रानैजल वैक्सीन के उपयोग के लिए परीक्षण करने की अनुमति प्रदान कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार देश में 9 अलग – अलग जगहों पर परीक्षण किए जाएंगे। इसके बाद सामने आए नतीजों के आधार पर ही काम किया जाएगा। उम्मीद है कि ये परीक्षण कामयाब होगा।
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