शिया धर्मगुरू ने एक बार फिर से आपसी सौहार्द को बनाए रखने के लिए और हिंदुओँ की भावनाओं की कद्र करते हुए फिर से राम मंदिर मामले में हिदुओं को विवादित जमीन सौंपने की बात कही है। उनके इस बयान से जहां कई नेता काफी खुश हुए वहीं हिंदू धर्म के लोग भी इस बात से काफी प्रसन्न नजर आए। शिया मौलवी कल्बे सादिक ने रविवार को कहा कि अगर अयोध्या मामले पर फैसला मुस्लिमों के हक में आया  तो भी उन्हें जमीन खुशी से हिंदुओं को दे दी चाहिए और अगर फैसला उनके विपरीत आया तो शांति से उसे स्वीकार कर लेना चाहिए। इससे पहले शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से भी ये बात कही जा चुकी है कि अयोध्या में मस्जिद विवादित जगह से कुछ दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में बनाई जा सकती है। 

बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड ने अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा डाला है कि अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के बजाए वो पक्षकार है। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में विवादित जमीन पर एक तिहाई हिस्से पर अपना अधिकार समझती है, जो कि गलत है। शिया बोर्ड की मानें तो मस्जिद बाबर ने नहीं बल्कि मीर बकी ने बनवाई थी जो कि शिया था।

शिया वक्फ बोर्ड  द्वारा दी गई नसीहत से राम मंदिर के पक्षकार काफी खुश हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि शिया बोर्ड ने ये एक अच्छा मैसेज दिया है। हालांकि अयोध्या मामले की अगली सुनवाई 5 दिसबंर को होनी है।

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