यह भारत है जनाब और यहां धर्म और राष्ट्रवाद के आड़ में सबकुछ जायज है। बात थोड़ी कड़वी है लेकिन सच्च है जिस प्रकार ‘एक भेड़ के पीछे पीछे सारे भेड़ चल पड़ते है’, ठीक उसी प्रकार हमारे यहां धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर बिना किसी सच्च झूठ का पता लगाए हम दूसरों को कूचने को तत्पर्य रहते है। जी हम बात कर रहे है उस जुनैद के मौत की, जिसे हाल ही में ट्रेन में सफर के दौरान बीफ के अफवाह के नाम पर बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया गया। लेकिन ट्रेन में उपस्थित हजारों लोग तमाशबिन बने जुनैद के मौत की तमाशा देखते रहे, वही उसके तीन भाई हाशिम, शाकिर और मोइनपर गंभीर रुप से घायल हो गए थे।

Muslim society will unleash democratic protests on the day of Eid for the people who were being victimised by the crowd 1रविवार की शाम हरियाणा स्थित बल्लभगढ़ निवासी जुनैद के परिजनों सहीत पूरे गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद ना मनाने का फैसला किया है। वहीं नमाज अदा करने के दौरान लोग ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करवाया। दूसरी ओर यूपी के प्रदेश सचिव अब्दुल हन्नान ने बताया है कि हमारी पार्टी के विभिन्न संगठनों और समाजिक कार्यकर्ताओं ने फोन कर तमाम मस्जिदों के इमामों से कल सुबह हाथों में काली पट्टी बांधा ईद की नमाज पढ़ने का अवाह्न किया है। उन्होंने यह विरोध ईद की खरीदारी करने जा रहे जुनैद की हत्या, राजस्थान के अलवर में पहलू खां की हत्या, दादरी में अखलाक हत्याकांड और पंश्चिम बंगाल में गाय की चोरी के आरोप में तीन लोगों की हत्या को लेकर किया है। इस विरोध के चिगारी को आग में दबदील करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। रविवार को खाड़ी देशों में ईद मनाई जा रही है जहां से भारतीय समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर ईद मनाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

उधर, शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि ईद अल्लाह का तोहफा है, हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे। हम कोई धरना प्रर्दशन नहीं करेंगे लेकिन हम सिर्फ नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर इसका विरोध करेंगे साथ अपनी तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे। आज इन घटनाओं का विरोध नहीं किया गया तो कल कोई और, परसो कोई और कभी हम भी भीड़ का शिकार बन सकते हैं।

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