केरल हाईकोर्ट ने आज इंडियन मुस्लिम लीग के विधायक के एम शाजी की सदस्यता रद्द कर दी है। उनके खिलाफ शिकायत थी कि 2016 के विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए उन्होंने धर्म का प्रयोग किया था।  खबर के मुताबिक शाजी के खिलाफ लेफ्ट विधायक एमवी निकेश कुमार ने एक याचिका दाखिल की थी। कुमार का आरोप है कि शाजी ने उनके खिलाफ वोट न करने के लिए पैंपलेट बांटे थे।

कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि शाजी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया है। वहीं केरल हाई-कोर्ट ने इंडियन मुस्लिम लीग के विधायक केएम शाजी को चुनाव जीतने के लिए गलत तरीका अपनाने का दोषी पाया  है। हाईकोर्ट ने आजीकोड़ विधानसभा सीट के लिए दोबारा चुनाव कराने का आदेश दिया है और के एम शाजी की सदस्यता को 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने निकेश की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने खुद को विधायक चुने जाने का दावेदार बताया था। सूत्रों की मानें तो केएम शाजी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

आपको बता दें कि निकेश कुमार ने चुनाव के दौरान केएम शाजी पर विवादित पर्चे बांटने का आरोप लगाया था। निकेश कुमार इस चुनाव में केएम शाजी विरोध में चुनाव लड़ रहे थे। निकेश कुमार ने कोर्ट को बताया कि केएम शाजी ने गैर मुस्लिम उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए पर्चे बंटवाए थे। इसके बाद हाई-कोर्ट ने केएम शाजी के निर्वाचन क्षेत्र अजिकोड में दोबारा चुनाव कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक निकेश इस चुनाव में केएम शाजी के बाद दूसरे नंबर थे जिसके लिए उन्होंने याचिका डाली थी कि उन्हें इस सीट से विजेता घोषित किया जाए। उनकी इस याचिका को हाई- कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाई-कोर्ट के इस फैसले को अब केएम शाजी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here