चक्रवाती तूफान ‘मोरा’ के मंगलवार को बांग्लादेश पहुंचने से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। 117 किमी की गति से चल रही हवाओं ने सब तहस नहस कर दिया है। आपको बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान किया है कि मोरा मंगलवार को बांग्लादेश के चटगांव को अपनी चपेट में लेगा। उधर बांग्लादेश के मौसम विभाग ने भी दो समुद्री बंदरगाहों के लिए 10 के स्केल पर सर्वोच्च स्तर की चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि चक्रवाती तूफान के उत्तरी दिशा में बढ़ने और मंगलवार सुबह चटगांव तथा कॉक्स बाजार में पहुंचने से भयावह तूफान का खतरा है। इस बारे में भारतीय नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान ‘मोरा’ के गहरे दबाव में बदलने और मंगलवार दोपहर या शाम तक बांग्लादेश पहुंचने की आशंका है. भारतीय नौसेना का पूर्वी बेड़ा पूरी तरह तैयार है , ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मोरा ने पिछले दो-तीन दिनों से बिहार, झारखंड समेत उत्तर पूर्व के कई राज्यों का हाल बेहाल कर रखा है। मोरा बीते सोमवार से ही 12 किमी की तेज हवाओं के साथ उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ता जा रहा था। जिसकी वजह से बिहार, झारखंड, ओड़िसा में लगातार तेज आंधी-तूफान के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 2-3 तीन तक इन इलाकों में ऐसे ही हालात बने रहेंगे।
आपदा प्रबंधन विभाग ने आज यानि 30 मई को बिहार और झारखंड में आंधी, बारिश और 40-50 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई थी। इस दौरान बिहार के प्रभावित होने वाले जिलों के नाम है: भागलपुर,बांका,कटिहार,जमुई,मुंगेर,खगरिया,बेगूसराय,लखीसराय,नवादा,नालंदा,सीतामढ़ी,शिवहर
उधर केरल में मानसून 1 जून को दस्तक देने वाला था। मोरा तूफान के कारण इसका समय भी घट गया है। अब मानसून दो दिन पहले, 30 मई यानि आज ही दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के अनुसार तूफान ‘मोरा’ उत्तर और उत्तर पूर्व की दिशा में आगे बढ़ते हुए मंगलवार दोपहर तक बांग्लादेश को पार कर जाएगा। लेकिन यह बिहार और झारखंड में अपना असर छोड़ जाएगा।