शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) क्रूज ड्रग्स केस मामल में एनसीबी (NCB) की गिरफ्त में है। मुंबई की कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया है। वे मुंबई के अर्थर रोड जेल (Mumbai Central Prison) में बंद हैं। इस पर अब सियासत भी गरमा गई है। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) आर्यन खान की गिरफ्तारी पर केंद्र और एनसीबी (BJP) पर हमलावर हैं। उन्होंने कहा कि यह सब बीजेपी की चाल है। पूरी रेड ही फर्जी है। उन्होंने यह भी कहा है कि समीर वानखेडे (Sameer Wankhede) और बीजेपी के बीच कोई तो बात जरूर हुई होगी।
रेड में Aryan Khan के पास कुछ नहीं मिला
आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद नवाब मलिक ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आज प्रेस वार्ता के जरिए कहा कि समीर वानखेडे के कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि, “रेड में आर्यन खान के पास कुछ भी नहीं मिला है। पूरी रेड फर्जी है। समीर वानखेडे के कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा प्रतीक गाबा और आमीर फर्नीचरवाला उसे वहां पर फंसाने के लिए लेकर गए थे।”
नवाब मलिक ने दावा किया है कि पार्टी में करीब 1300 शामिल हुए थे। गिरफ्तारी महज 8 लोगों की हुई है। उसमें से प्रतीक गाब और आमीर फर्नीचरवाला को छोड़ दिया गया है। उन्होंने दोनों की रिहाई का वीडियो भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।
वीडियो में दिख रहा है कि आमीर फर्नीचरवाला एनसीबी के दफ्तर से बाहर निकल रहा है।
वहीं दूसरे वीडियो में प्रतीक गाबा और ऋषभ सचदेवा एनसीबी दफ्तर से बाहर निकल रहे हैं।
Sameer Wankhede को देना होगा जवाब
एनसीपी नेता ने दावा किया है कि हमारे पास जानकारी ये है कि बीजेपी के स्थानीय और दिल्ली में बैठे नेताओं ने ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला की रिहाई के लिए फोन कॉल्स किए। समीर वानखेड़े को बताना होगा कि उन्हें क्यों रिहा किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा है कि मुंबई में क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद एनसीबी के समीर वानखेड़े ने कहा था कि 8-10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था। बाद में, 3 लोगों-ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को रिहा किया गया। हमें लगता है कि समीर वानखेड़े और भाजपा के बीच कुछ बात हुई होगी। मुंबई पुलिस एंटी नारकोटिक्स सेल को इसकी स्वतंत्र जांच करनी चाहिए। यदि आवश्यक हो, तो छापे की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें:
Drugs मामले में फिल्म प्रोड्यूसर इम्तियाज खत्री के घर पर NCB ने की छापेमारी