यूपी चुनाव खत्म हो गया, समाजवादी पार्टी की सत्ता भी चली गई पर समाजवादी पार्टी में बाप और बेटे के बीच चल रही रार खत्म होती नज़र नहीं आ रही। अखिलेश के तौर-तरीकों से नाराज मुलायम सिंह यादव ने अब राष्ट्रपति चुनाव के बहाने सपा मुखिया और अपने बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुलायम सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है जबकि बेटे अखिलेश कांग्रेस के पक्षधर रहे हैं । इसके अलावा मुलायम सिंह यादव ने पार्टी संभालने के अखिलेश के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “अखिलेश पार्टी का बेड़ागर्क करने पर उतारू हैं।”
दरअसल, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को मुलायम से बातचीत की थी। जिसके बाद एसपी संरक्षक मुलायम ने बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के नेताओं को भरोसा दिया है कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें समर्थन देगी। हालांकि, मुलायम ने एक शर्त भी रखी है। उन्होंने कहा है कि कैंडिडेट कट्टर भगवा चेहरा न हो और सभी द्वारा स्वीकार्य होना चाहिए। वहीं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने भी अब मुलायम के इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि ” मुलायम ने अपना समर्थन एनडीए को देने की पेशकश की है।”
आपको बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठित पैनल के सदस्य विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करके राष्ट्रपति कैंडिडेट पर एक राय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बातचीत के बाद मुलायम ने अखिलेश पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि “उन्होंने खून-पसीना बहाकर सपा को उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनाया था, लेकिन अखिलेश ने कुछ चापलूसों के चक्कर में पार्टी का बेड़ागर्क कर दिया।” इतना ही नहीं मुलायम ने यह भी कहा कि कांग्रेस की संगत बुरी है, इसलिए अखिलेश को दूर रहने के लिए कहा था, लेकिन खुद को थिंक टैंक बताने वाले एक परिजन के समझाने पर अखिलेश ऐसी गलती कर बैठे कि सपा को पचास से कम विधायक मिले। उधर, अखिलेश ने अपने पिता के बयान पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के संरक्षक, वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद पार्टी विधायकों-सांसदों की बैठक में रजामंदी से फैसला किया जाएगा।