मुलायम सिंह यादव ने भले ही राजनीति और अपनी पार्टी से थोड़ी दूरी बना ली है। लेकिन एक समय ऐसा था कि राजनीति में उनकी तूती बोलती थी। आज वो आजमगढ़ से सांसद हैं और सदन में आज भी उन्हें एक सम्मानित और अनुभवी राजनेता के रूप में देखा जाता है। हालांकि उनके बेटे अखिलेश यादव के आ जाने से पार्टी और परिवार के बीच कई राजनीतिक उठापटक देखने को मिल चुका है जिससे मुलायम सिंह यादव कई बार व्याकुल दिखे। पारिवारिक कलह को देखते हुए उनका दर्द कई बार देखा चुका है। ऐसे में एक बार फिर मुलायम सिंह यादव का दर्द छलका है। उन्होंने कहा है कि मेरा आज कोई सम्मान नहीं करता है, मरने के बाद शायद करे। मुलायम ने यह बात पुराने समाजवादी व सहयोगी भगवती सिंह के कैसरबाग स्थित गांधी प्रेक्षागृह में हुए जन्म दिवस समारोह में कही।
समाजवादी चिंतक और पूर्व मंत्री भगवती सिंह के 86वें जन्म दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अब ऐसा वक्त आ गया है कि मेरा कोई सम्मान नहीं करता, लेकिन शायद मेरे मरने के बाद लोग मेरा सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया भी कहा करते थे कि जिंदा रहते कोई सम्मान नहीं करता है। मुलायम ने कहा कि भगवती सिंह ने डॉ. लोहिया, चन्द्रशेखर और राजनारायण जैसी शख्सियत के साथ बैठकर राजनीति सीखी। समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
बता दें कि पिछले साल पार्टी नेतृत्व को लेकर हुए विवाद के दौरान मुलायम सिंह ने कहा था कि पिता होने के नाते उनका आशीर्वाद बेटे अखिलेश के साथ है, लेकिन वह उनके फैसलों से सहमत नहीं हैं।