बेरोजगारी पर मोदी सरकार की क्या नीति है, ये किसी को नहीं समझ में आ रही। विपक्ष भी देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार को घेरता है लेकिन मोदी सरकार का यही कहना है कि रोजगार पैदा करने के लिए उसने कई योजनएं चला रखी है। हालांकि, जमीनी स्तर क्या है ये जनता जानें लेकिन ये खबर जरूर बेचैन करने वाली है। दरअसल, मोदी सरकार पिछले पांच साल से खाली पड़े सभी पदों को खत्म करने की योजना बना रही है। इसको लेकर सभी मंत्रालयों और विभागों को व्यापक रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि उसने सभी मंत्रालयों और विभागों से पांच साल से खाली पड़े पदों को खत्म करने के लिए कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है।

इसके लिए कुछ विभागों ने जवाब दिया लेकिन कुछ ने व्यापक रिपोर्ट देने के बजाए महज जरूरी सूचना उपलब्ध करा दी है। मोदी सरकार ने  मंत्रालयों और विभागों के वित्त सलाहकारों और संयुक्त सचिवों (प्रशासन) से पांच साल से खाली पड़े पदों को चिन्हित कर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया है। इस कार्य के लिए सभी विभाग जुट गए हैं। यहां तक की  कुछ विभागों और मंत्रालयों ने जवाब दे दिया है लेकिन, कुछ ने व्यापक रिपोर्ट देने की बजाय जरूरी सूचना उपलब्ध कराई है।

शुरुआती अनुमान के अनुसार केंद्र सरकार में हजारों पद पांच साल या इससे अधिक समय से खाली पड़े हैं। ऐसे में मोदी सरकार पर बेरोजगारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 2019 में फिर से चुनाव है, ऐसे में मोदी सरकार का पूरा ध्यान बेरोजगारी को लेकर कुछ जरूरी कदम उठाने खत्म की है। हालांकि इस कदम से कई फालतू पद हट जाएंगे लेकिन जब पद भरे जाएं तो जनता को फायदा पहुंचेगा।

 

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