कोरोना आपदा के कारण नौकरी गंवाने वाले, औद्योगिक कामगारों को राहत देने के लिए मोदी सरकार एक नई योजना लेकर आई है। योजना के तहत, शुरुआती चरण में कोरोना संकट में नौकरी गंवाने वाले करीब 40 लाख औद्योगिक कामगारों को। तीन महीने की 50 फीसदी सैलरी दी जाएगी। ये सैलरी नौकरी छूटने या नौकरी छूटने की संभावना के कारण बेरोजगारी लाभ के तौर पर दी जाएगी। योजना के तहत 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच बेरोजगार होने वाले कामगारों को लाभ मिलेगा। इस योजना पर सरकार को करीब 6 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, औद्योगिक कामगारों को बेरोजगारी लाभ देने वाले इस प्रस्ताव को। कर्मचारी बीमा राज्य निगम (ESIC) के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इस बोर्ड बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने की। ESIC, श्रम मंत्रालय के अधीन ही काम करता है। ESIC का अनुमान है कि इस कदम से मार्च से दिसंबर 2020 अवधि के मध्य करीब 41 लाख औद्योगिक कामगारों को फायदा मिलेगा। खबरों के मुताबिक, कामगारों को। बेरोजगारी लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन पात्रता मापदंडों में थोड़ी ढील दी जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो लाभार्थियों की संख्या करीब 80 लाख तक पहुंच सकती है।
कारोबार पर कोरोना के दुष्प्रभाव के कारण पिछले कुछ महीनों में करीब 80 लाख कामगार ESIC योजना से बाहर हुए हैं। 21 हजार रुपए तक की मासिक सैलरी वाले औद्योगिक कामगारों की ESIC योजना का लाभ मिलता है। बोर्ड के फैसले के मुताबिक, व्यक्ति को इस योजना का लाभ लेने के लिए नियोक्ता या एम्प्लॉयर के कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। और ये राहत भुगतान बेरोजगार होने के 30 दिन में मिल जाएगा। क्लेम के दौरान पहचान के लिए कुछ प्रावधानों का पालन करना होगा।