श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा नगरी को किले जैसी सुरक्षा व्यवस्था में तब्दील कर दिया गया है। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए शहर को चार जोन और 18 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। यहां पांच हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी मुस्तैद हैं ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
अधिकारिक जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल होंगे। वे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पूजा-अर्चना करेंगे और मंदिर परिसर में पौधारोपण भी करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री पांचजन्य सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कई विकास योजनाओं का लोकार्पण करेंगे, संतों को सम्मानित करेंगे और गोवर्धन पर्वत पर आधारित वृत्तचित्र का अवलोकन करेंगे।
यातायात पर रोक
प्रशासन ने बताया कि मथुरा, वृंदावन और आसपास के तीर्थ क्षेत्रों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। तीन दिवसीय कृष्णोत्सव को देखते हुए भारी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण रोक लगाई गई है। वहीं, जन्मस्थान की ओर बढ़ने वाली सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते दुपहिया, तिपहिया और चारपहिया वाहनों का आवागमन भी सीमित कर दिया गया है। सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और पुलिस व पीएसी बल किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। इस बार श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए उत्तरी द्वार (गोविंद नगर वाला) का उपयोग किया जा रहा है, जबकि बाहर निकलने के लिए मुख्य द्वार खोला गया है।
मंदिर परिसर में कड़े नियम
जन्मस्थान मंदिर में सुरक्षा कारणों से मोबाइल फोन, घड़ी, की-रिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ-साथ जूते-चप्पल, बैग, बीड़ी, माचिस, लाइटर और छाते जैसी वस्तुओं को ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने ‘ब्रजधाम डॉट को डॉट इन’ नाम से वेबसाइट लॉन्च की है, जिस पर मंदिरों, मार्गों और प्रतिबंधों की पूरी जानकारी उपलब्ध है। यात्री इससे रास्ता खोजने में भी मदद ले सकते हैं।
शोभायात्रा से हुई कृष्णोत्सव की शुरुआत
शनिवार सुबह कृष्णोत्सव 2025 का शुभारंभ श्रीकृष्ण जन्मस्थान से भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ। इस यात्रा में तीन से चार सौ लोक कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। शोभायात्रा जन्मस्थान से निकलकर डीग गेट, रूपम सिनेमा तिराहा, गोविंद नगर थाना, महाविद्या कॉलोनी और पोतरा कुंड होते हुए वापस जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर संपन्न हुई। श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए रेल और सड़क परिवहन की विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं।