31 दिसंबर 2016 को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए गर्भवती महिलाओं के हित में एक नई घोषणा की थी। जिसके तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मेटरनिटी बेनेफिट के रुप में 6 हजार रुपए दिए जाने थे। अपने भाषण में मोदी ने कहा था कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक देशव्यापी योजना शुरु की जा रही है। अब देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलीवरी, टीकाकरण एंव पौष्टिक आहार के लिए 6 हजार रुपये देगी। जो कि गर्भवती महिलाओं के अकाउंट में ट्रान्सफर किए जाएंगे।

maternity benefit grab of APNयह योजना 19 साल से ऊपर की गर्भवती महिलाओं पर लागू की थी और ऐसा लाभ महिला को दो बच्चे पैदा करने पर मिलना था। लेकिन अब सरकार की तरफ से यह योजना एक बच्चे तक सीमित किए जाने की तैयारी हो रही है। इसके अलावा अबतक केंद्र सरकार इस स्कीम का 60 प्रतिशत फंड देती थी, उसे घटाकर 50 प्रतिशत किया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस वक्त कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है।

बता दें कि इस योजना को यूपीए सरकार ने अपने दूसरे शासनकाल में शुरू किया था। अक्टूबर 2010 में शुरू की गई इस स्कीम का नाम इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना रखा गया था। तब इसको देश के 650 जिलों में से 53 जिलों में ही शुरू किया गया था।  मोदी की घोषणा के बाद जनवरी में मंत्रालय ने योजना की डीटेल जारी की थी। बताया गया था कि केंद्र सरकार 60 प्रतिशत पैसा देगी।

अब खबर आ रही है कि इस स्कीम के लिए जितना पैसा चाहिए 2017-18 का बजट उससे काफी कम है। यानि फरवरी में पेश किए गए आम बजट में इस स्कीम के लिए कम बजट तैयार किया गया है। बजट में स्कीम को 2700 करोड़ रुपए दिए गए हैं जिससे साल में 2.6 करोड़ बच्चे पैदा होने वाले में से सिर्फ 90 लाख बच्चे की इस स्कीम के तहत कवर हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक स्कीम को सफल बनाने के लिए 14512 करोड़ रुपए की जरुरत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here