प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव संपन्न कराने में चुनाव आयोग की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में इसकी महत्वपूर्ण तथा निरंतर भूमिका रही है और यह प्रत्येक मतदाता को निर्वाचन प्रक्रिया में हिस्सा लेने का पुख्ता इंतजाम करता है पीएम मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52 वें संस्करण में राष्ट्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग देश की महत्वपूर्ण संस्था है और इसने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने तथा इसे सफल बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं और यह गणतंत्र से भी पुराना है।

प्रधानमंत्री ने 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत में जिस पैमाने पर चुनाव का आयोजन होता है, उसे  देखकर दुनिया के लोगों को आश्चर्य होता है और हमारा चुनाव आयोग जिस बखूबी  से इसका आयोजन करता है, इसे देखकर प्रत्येक देशवासी को चुनाव आयोग पर गर्व  होना स्वाभाविक है।” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग देश में यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता कि भारत का प्रत्येक नागरिक, जो एक पंजीकृत मतदाता है, उसे मतदान करने का अवसर अवश्य मिलना चाहिये।

मोदी ने चुनाव आयोग की पहुंच का जिक्र हुए कहा, “ जब हम सुनते हैं कि हिमाचल  प्रदेश में समुद्र तल से 15,000 फुट की ऊँचाई वाले क्षेत्र में भी मतदान  केंद्र स्थापित किया जाता है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में  दूर-दराज के द्वीपों में भी वोटिंग की व्यवस्था की जाती है। आपने गुजरात  के विषय में तो जरुर सुना होगा कि गिर के जंगल में, एक सुदूर क्षेत्र में,  एक पोलिंग बूथ, जो सिर्फ केवल एक मतदाता के लिए है।”

उन्होंने कहा कि केवल  एक मतदाता के लिए चुनाव आयोग पूरी ताकत लगाता है। इससे आयोग पर गर्व होना बहुत  स्वाभाविक है। एक मतदाता को उसके मताधिकार  का उपयोग करने का अवसर मिले, इसके लिए, चुनाव आयोग के कर्मचारियों का पूरा  दल दूर-दराज़ क्षेत्र में जाता है और वोटिंग की व्यवस्था करता है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की ख़ूबसूरती है।

प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग की प्रशंसा करते हुए कहा, “ मैं, हमारे लोकतंत्र को  मजबूत करने का निरंतर प्रयास करने के लिए चुनाव आयोग की सराहना करता हूँ।  मैं सभी राज्यों के चुनाव आयोग की, सभी सुरक्षा कर्मियों, अन्य कर्मचारियों  की भी सराहना करता हूँ जो मतदान प्रक्रिया में भाग लेते हैं और स्वतन्त्र  और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करते हैं।”

पीएम मोदी ने संत रविदास को नमन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास को नमन करते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने अपने संदेशों के माध्यम से अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत को समझाने का प्रयास किया। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52 वें संस्करण में कहा कि भारत के संतों ने अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से सद्भाव, समानता और  सामाजिक सशक्तिकरण का सन्देश दिया है। संत रविदास ऐसे ही एक संत थे जिन्होंने अपने संदेशों के माध्यम से  अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत  को समझाने का प्रयास  किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “ ये कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि उन्होंने  दुनिया को श्रम की  प्रतिष्ठा का वास्तविक अर्थ समझाया है। वे कहते थे –‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ अर्थात यदि आपका मन और ह्रदय पवित्र है तो साक्षात् ईश्वर आपके ह्रदय में निवास करते हैं। संत रविदास जी के संदेशों ने हर तबके, हर वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। चाहे चित्तौड़ के महाराजा और रानी हों या फिर मीराबाई हों, सभी उनके अनुयायी थे। मैं एक बार फिर संत रविदास जी को नमन करता हूँ।” अगले महीने 19 फरवी को संत रविदास की जयंती है। उनका जन्म वाराणसी में हुआ था।

मोदी ने संत रविदास के दोहे –“जाति-जाति में जाति है, जो केतन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात” का उल्लेख किया। उन्होंने इसका भावार्थ करते हुए कहा कि जिस  प्रकार केले के तने को छिला जाए तो पत्ते के नीचे पत्ता फिर पत्ते के नीचे  पत्ता और अंत में कुछ नही निकलता है, लेकिन पूरा पेड़ खत्म हो जाता है, ठीक  उसी प्रकार इंसान को भी जातियों में बाँट दिया गया है और इंसान रहा ही  नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास कहा करते थे कि अगर वास्तव में भगवान हर इंसान में होते हैं, तो  उन्हें जाति, पंथ और अन्य सामाजिक आधारों पर बांटना उचित नहीं है।

राष्ट्र के नायकों के शौर्य और देशभक्ति के लिये क्रांति मंदिर: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से दिल्ली के लालकिले में स्थापित ‘क्रांति मंदिर’ देखने का अनुरोध करते हुए रविवार को कहा कि राष्ट्र के नायकों के शौर्य और देशभक्ति को नई पीढ़ी तक बार-बार और अलग-अलग रूप से निरंतर  पहुँचाने की आवश्यकता होती है मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52 वें संस्करण में कहा कि देश के महापुरुषों ने  मानवता के लिए कुछ अद्भुत और अविस्मरणीय कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र  बोस की जयंती 23 जनवरी को पूरे देश ने एक अलग अंदाज में मनाई गयी।  इस अवसर पर आजादी के संघर्ष में अपना योगदान  देने वाले वीरों को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन किया गया। लाल किले के भीतर बंद कमरों को बहुत  सुन्दर संग्रहालयों में बदला गया है। इनमें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, आजाद हिंद फौज, याद-ए-जलियां  और 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित संग्राहलय बनायें गये हैं और  इस पूरे परिसर को ‘क्रान्ति मन्दिर’ का नाम दिया गया है।

उन्होंने कहा, “ इन संग्रहालयों की एक-एक ईंट में, हमारे गौरवशाली इतिहास की खुशबू बसी  है। संग्रहालय के चप्पे-चप्पे पर हमारे स्वाधीनता संग्राम के वीरों की  गाथाओं को बयां करने वाली बातें इतिहास के भीतर जाने के लिए प्रेरित  करती हैं। इसी स्थान पर, भारत माँ के वीर बेटों – कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल  गुरबख्श सिंह ढिल्लो और मेजर जनरल शाहनवाज़ खां पर अंग्रेज हुकूमत ने मुकदमा  चलाया था।”

शिवकुमार स्वामी ने अपना जीवन समाज को समर्पित किया : मोदी

मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52 वें संस्करण में कहा, “ कर्नाटक में टुमकुर जिले के श्री सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी हमारे बीच नहीं रहे। शिवकुमार स्वामी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज-सेवा में समर्पित कर दिया। भगवान बसवेश्वर ने हमें सिखाया है – ‘कायकवे कैलास’ – अर्थात् कठिन  परिश्रम करते हुए अपना दायित्व निभाते जाना, भगवान शिव के निवास-स्थान,  कैलास धाम में होने के समान है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि  शिवकुमार स्वामी इसी दर्शन के अनुयायी  थे और उन्होंने अपने 111 वर्षों के जीवन काल में हज़ारों लोगों के सामाजिक,  शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया। उनकी ख्याति एक ऐसे विद्वान के  रूप में थी, जिनकी अंग्रेज़ी, संस्कृत और कन्नड़ भाषाओं पर अद्भुत पकड़ थी।  वह एक समाज सुधारक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन इस बात में लगा दिया कि  लोगों को भोजन, आश्रय, शिक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान मिले। किसानों का कल्याण  स्वामी जी के जीवन में प्राथमिकता रहती थी। सिद्धगंगा मठ  नियमित रूप से पशु और कृषि मेलों का आयोजन करता था। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की स्वामी जी के लिए एक अंग्रेजी कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह शिवकुमार स्वामी जी के जीवन और  सिद्धगंगा मठ के मिशन को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत करती है। प्रधानमंत्री ने यह कविता भी पढ़ी।

युवाओं से मतदान करने का आग्रह किया मोदी ने

पीएम मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52 वें संस्करण में कहा कि 21 वीं सदी में जन्में युवाओं के लिये देश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने का समय आ गया है। वे देश की निर्णय प्रक्रिया में हिस्सेदार बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस साल देश में लोकसभा के चुनाव होंगे, यह पहला अवसर होगा जब 21वीं सदी में जन्में युवा लोकसभा चुनावों  में अपने मत का उपयोग करेंगे। उनके लिए देश की ज़िम्मेदारी अपने कन्धों पर  लेने का अवसर आ गया है। अब वे देश में निर्णय प्रक्रिया के हिस्सेदार बनने  जा रहे हैं। ख़ुद के सपनों को, देश के सपनों के साथ जोड़ने का समय आ चुका है।” प्रधानमंत्री ने युवा-पीढ़ी से आग्रह करते हुए कहा कि अगर वे मतदान करने के लिए पात्र हैं तो ख़ुद को ज़रूर मतदाता के  रूप में पंजीकृत करायें। प्रत्येक युवा को  अहसास होना चाहिए कि देश में मतदाता बनना, मत के अधिकार को प्राप्त करना, जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा,“ मतदान करना मेरा कर्त्तव्य है – ये भाव हमारे भीतर  पनपना चाहिये। जीवन  में कभी किसी भी कारण से, अगर मतदान नहीं कर पाए तो बड़ी पीड़ा होनी चाहिए।  कभी कहीं देश में कुछ ग़लत होता हुए देखें तो दुःख होना चाहिए। मैंने  वोट नहीं दिया था, उस दिन मैं वोट देने नहीं गया था – इसका ही ख़ामियाजा आज  मेरा देश भुगत रहा है। हमें इस ज़िम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। ये हमारी  वृत्ति, ये हमारी प्रवृत्ति बननी चाहिये।”

इसरो के उपग्रह देश की बढ़ती शक्ति के प्रतीक : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के योगदान की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि इसके उपग्रह भारत की बढ़ती शक्ति के प्रतीक हैं। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 52 वें संस्करण में कहा कि इसरो के उपग्रह देश की बढ़ती शक्ति का प्रतीक हैं। दुनिया के कई देशों के साथ हमारे बेहतर संबंध में इसका बड़ा योगदान है। ‘साउथ एशिया सैटेलाइटस’ एक अनूठी पहल रही है, जिसने पड़ोसी मित्र राष्ट्रों को भी विकास का उपहार दिया है। इसरो ने अपनी बेहद प्रतिस्पर्धात्मक सेवा के माध्यम से भारत आज न केवल विकासशील देशों के, बल्कि विकसित देशों के उपग्रह भी प्रक्षेपित करता है। मोदी ने कहा कि  डॉक्टर विक्रम साराभाई का भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में  एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भारतीय द्वारा विकसित उपग्रह भी अंतरिक्ष  तक पहुँच रहे हैं। इसी 24 जनवरी को विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया  ‘कलाम – सेट’ प्रक्षेपित किया गया है। ओडिशा में विश्वविद्यालय केविद्यार्थियों  द्वारा बनाए गए साउंडिंग राकेट ने भी कई कीर्तिमान बनाए हैं।

  -साभार, ईएनसी टाईम्स