Manish Sisodia: दिल्ली के डिप्टी सीएम सह शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोनों ही मंत्रियों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया दिल्ली में नए शराब नीति में भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई रिमांड में हैं वहीं, सत्येंद्र जैन पहले से ही एक मामले में जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी के ये दोनों नेता कई दिनों से विवाद में थे और विपक्ष लगातार इनको लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमलावर था। बीजेपी कई दिनों से इन दोनों मंत्रियों की इस्तीफे की मांग भी कर रही थी।

Manish Sisodia को सुप्रीम कोर्ट से मिला था झटका
मनीष सिसोदिया को दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर बीते रविवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब वे सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पहुंचे थे। आठ घंटे चली लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद कोर्ट ने उन्हें रिमांड पर भेज दिया था। शराब घोटाले में हुई गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया को आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी।
उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।आबकारी घोटाला मामले में 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर चल रहे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उनकी तरफ से वकीलों ने गिरफ्तारी के खिलाफ और सीबीआई के काम करने के तौर-तरीकों के खिलाफ याचिका दायर की थी। सिसोदिया की गिरफ्तारी के मामले में कोर्ट का सख्त रुख सामने आया। कोर्ट ने सिसोदिया को कहा कि आप यहां क्यों आए? हाईकोर्ट जाएं।
भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बना रही है आम आदमी पार्टी- अनुराग ठाकुर
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का सत्येंद्र जैन और आम आदमी पार्टी को लेकर इस मामले में प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा “आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड बना रही है। उनके मंत्री भ्रष्टाचार के कारण जेल में हैं।” अनुराग ने कहा “सत्येंद्र जैन पिछले 9 महीनों से जेल में हैं जिन्हें अरविंद केजरीवाल ईमानदारी का प्रमाण पत्र देते थे। पद्म श्री देने की बात करते थे। इनके 11 लोग जेल में हैं।”
क्या है शराब घोटाला मामला?
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार नई शराब नीति लाई थी। इस नीति के अनुसार, दिल्ली में शराब कारोबारी ग्राहकों को छूट पर शराब बेच रहे थे। आबकारी नीति 2021-22 के चलते एक वक्त ऐसा भी आया, जब दिल्ली में शराब की दुकानों की संख्या करीब 650 तक पहुंच गई थी। वहीं, जांच एजेंसी ने इस नई शराब नीति में घोटाला होने का दावा किया है। इसमें शराब कारोबारियों से रिश्वत लेकर शराब की लाइसेंस देने की सरकार पर आरोप लगे थे। जिसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। हालांकि, इसके बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 को वापस कर एक सितंबर से पुरानी नीति को दोबारा लागू कर दिया था।
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