Mahakumbh 2025: प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ का शंखनाद, स्नान से पहले रखें इन बातों का खास ध्यान

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महाकुंभ 2025 में संगम पर स्नान करते श्रद्धालु

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आज यानी सोमवार (13 जनवरी) से शुभारंभ हो गया है। यह धार्मिक आयोजन लाखों श्रद्धालुओं को एक साथ लाने वाला विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला है। प्रयागराज की पवित्र गंगा नदी पर स्नान का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत अधिक है। इस आयोजन में हर व्यक्ति शुद्ध आत्मा और मानसिक शांति की कामना लेकर संगम पर डुबकी लगाता है। हालांकि, स्नान से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि यह अनुभव सुखद और सुरक्षित हो सके।

स्नान से पहले ध्यान रखने योग्य 5 बातें

1. सही समय और तिथि का चयन करें
महाकुंभ के दौरान स्नान की तिथियां और मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हर तिथि का अलग-अलग धार्मिक महत्व होता है। कुंभ मेला समिति और धार्मिक जानकारों से जानकारी लेकर स्नान का सही समय और मुहूर्त जानें। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से लाभदायक होगा, बल्कि भीड़ से बचने में भी मदद करेगा। जो लोग शाही स्नान के लिए प्रयागराज आ रहे हैं, वे सफर से लेकर रहने तक की प्लैनिंग करके आयें।

2. स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखें
स्नान के दौरान अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर आपको ठंड लगने की संभावना है, तो गर्म कपड़े और तौलिया साथ रखें। स्नान करने के बाद खुद को तुरंत सुखाएं और ठंड से बचने के लिए गरम पेय पदार्थों का सेवन करें। अगर आप तैराकी में निपुण नहीं हैं, तो गहरे पानी में जाने से बचें।

3. भीड़ प्रबंधन का रखें ख्याल
महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसलिए, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें। अपने समूह से अलग न हों और छोटे बच्चों तथा बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। संगम क्षेत्र में प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें और आपातकालीन सेवाओं की जानकारी पहले से हासिल करें।

4. आवश्यक सामान साथ रखें
स्नान के लिए जाते समय अपनी ज़रूरत की चीज़ें जैसे साफ कपड़े, पूजा सामग्री, पानी की बोतल, और कुछ खाने का हल्का सामान साथ रखें। भीड़ में किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए अपने सामान का ध्यान रखें।

5. पवित्रता और अनुशासन बनाए रखें
महाकुंभ एक धार्मिक आयोजन है, इसलिए अपनी आस्था का सम्मान करते हुए अनुशासन और पवित्रता का पालन करें। नदी और आसपास के क्षेत्र को साफ रखें। प्रशासन द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचें।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का प्रतीक है। यह केवल स्नान का पर्व नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में नई ऊर्जा और शांति का संचार करता है। यहां संगम पर डुबकी लगाने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है।

इन खास तिथियों पर स्नान करने से धुल जाते हैं पाप!

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा। ऐसे में चलिए जानते हैं शाही स्नान की तिथियां।

महाकुंभ 2025: शाही स्नान की तिथियां (क्रमानुसार)

  1. 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा): पहला शाही स्नान
  2. 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति): दूसरा शाही स्नान
  3. 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या): तीसरा शाही स्नान
  4. 3 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी): चौथा शाही स्नान
  5. 12 फरवरी 2025 (माघी पूर्णिमा): पांचवां शाही स्नान
  6. 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि): अंतिम शाही स्नान

इन तिथियों पर संगम में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

संपन्नता और संतोष का अनुभव

महाकुंभ में स्नान न केवल धार्मिक आस्था को बल देता है, बल्कि समाज और संस्कृति के प्रति समर्पण की भावना को भी प्रकट करता है। यह आयोजन हर श्रद्धालु को आध्यात्मिकता और आंतरिक शांति का अनुभव कराता है।