भारत सरकार कर्मचारियों के लिए एक नई खुशखबरी लेकर आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी इपीएफओ के सदस्यों को संगठन से ज्यादा वक्त तक जुड़े रहने पर रिटायमेंट के समय 50,000 रुपये का ‘लॉयल्टी-कम-लाइफ‘ लाभ दिया जाएगा। यह सुविधा 20 साल अथवा इससे अधिक समय तक ईपीएफओ में योगदान देने वाले सदस्यों के लिए उपलब्ध होगी। अगर सरकार की तरफ से इसे मंजूरी मिल जाती है तो फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना को 2 साल तक चलाया जाएगा, उसके बाद ये फैसला लिया जाएगा कि इसे आगे चलाया जाए या नहीं।
20 साल से कम निवेश करने वालो को नहीं मिलेगा लाभ
अगर कर्मचारी ने ईपीएफओ में 20 साल से कम समय तक निवेश किया है तो उसे लॉयल्टी-कम-लाइफ के तहत 50,000 रुपये का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि अगर कार्यरत कर्मचारी किसी परिस्थितिवश पूर्ण रूप से विकलांग हो जाता है तो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा भले ही उन्होंने 20 साल से कम समय के लिए ही निवेश क्यों ना किया हो।
मौत होने पर मिलेगा 2.5 लाख रुपये
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णायक मंडल सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने यह भी सिफारिश की है कि एंप्लॉईज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस यानी EDLI स्कीम के तहत कम से कम 2.5 लाख रुपए दिए जाएं और लॉयल्टी-कम-लाइफ बेनेफिट 50 हजार रुपए तक दी जाए। हालांकि इन सिफारिशों को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है लेकिन संगठन और सरकार इनपर अभी विचार कर रही है।
किसको कितना होगा फायदा
जिन कर्मचारियों की मासिक सैलेरी 5000 रुपये तक है उन्हें लॉयल्टी-कम-लाइफ के तहत 30,000 रुपये का लाभ होगा। इसके अलावा जिनकी सैलेरी मासिक सैलेरी 5,001 से 10,000 रुपये तक है उन्हें लॉयल्टी-कम-लाइफ के तहत 40,000 रुपये का लाभ होगा। जिनकी सैलेरी 10,000 से ज्यादा होगी उन्हें ईपीएफओ की खास योजना के तहत 50,000 रुपये का फायदा होगा।