
लोक जन शक्ति पार्टी (LJP) में चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच चल रहे विवाद के बीच चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘बंगला’ को फ्रीज कर दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद कोई भी सिंबल का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
दरअसल लोक जन शक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन के बाद चाचा और भतीजे के बीच रामविलास पासवान के उत्तराधिकार को लेकर घमासान मचा है। कुछ समय पहले पार्टी के 5 सांसदों ने बगावत कर दी थी और बगावती सांसदों को चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) का समर्थन हासिल था। उनके नेतृत्व वाले गुट ने खुद को असली लोक जनशक्ति पार्टी बताते हुए स्पीकर से लोक सभा में जगह देने की मांग की और पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय कैबिनेट में भी शामिल कर लिया गया।
चुनाव आयोग में पहुंचा चुनाव चिह्न का मुद्दा
वहीं रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने नेतृत्व वाली पार्टी ने भी खुद को रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी बताते हुए पदयात्राएं निकाली। बिहार में तारापुर और कुशेश्वर सीट पर उपचुनाव होने वाला है। चिराग पासवान ने इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। पशुपति पारस का गुट ने इस घोषणा के खिलाफ है। इसी कारण से यह मुद्दा चुनाव आयोग में पहुंचा था।
इस बारे में पशुपति पारस का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संवैधानिक रूप से लोजपा संसदीय दल के नेता के रूप में मुझे मान्यता दी है। चिराग को भी पार्टी का सांसद कहा है और ये लिखित में मिला है। लोजपा कोटे से मैं केंद्र में मंत्री हूं और पार्टी में बहुमत हमारे पक्ष में है।
मिलेगा नया सिंबल
सिंबल फ्रीज होने के बाद चिराग और पारस दोनों को नए सिंबल के लिए आवेदन करना होगा, इसके लिए चुनाव आयोग ने 4 अक्टूबर को 1 बजे तक का समय दिया है। चुनाव आयोग द्वारा दोनों को अलग अलग चिह्न दिए जाएंगे, जो वे दोनों उप-चुनाव में इस्तेमाल कर सकेंगे।
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