Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) मामले को लेकर तमाम विपक्षी दल यूपी की बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। लेकिन आखिर यह मामला क्या है? हम यहां आपको डिटेल में बता रहे हैं। पढ़िए डिटेल स्टोरी….
क्या है Lakhimpur Kheri का पूरा मामला?
बीते रविवार को यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर के दौरे पर थे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा भी थे। जहां उन्हें एक योजना का शिलान्यास करना था। वहीं किसानों की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के विरोध का ऐलान किया गया था। इसमें आसपास के क्षेत्रों के किसान हिस्सा लेने वाले थे। इसी दौरान एक दूसरे कार्यक्रम में जाने के दौरान यह हादसा हुआ।
मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। बता दें कि विरोध कर रहे किसान हाल ही में अजय कुमार मिश्रा द्वारा दिए गए बयान से नाराज थे जिसके बाद किसानों ने केंद्रीय मंत्री मिश्रा और यूपी के डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य का घेराव किया।
मामले ने तूल तब पकड़ लिया जब मंत्रियों के काफिले की एक गाड़ी ने प्रदर्शनकारी किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी। घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी। किसानों का आरोप है कि कथित तौर पर गाड़ी मंत्री अजय मिश्रा के बेटे द्वारा चलायी जा रही थी। एफआईआर में अन्य लोगों के नाम भी दर्ज किए गए हैं।
क्या है हिंसा का घटनाक्रम?
अब तक घटना को लेकर दो थ्योरी सामने आ रही हैं। पहली थ्योरी है किसानों की और दूसरी थ्योरी घटना के आरोपी अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की है। किसानों का आरोप है कि लखीमपुर के तिकुनिया इलाके में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शनकारी किसानों पर कार चढ़ा दी। वहीं आशीष मिश्रा का कहना है कि वो मौके पर थे ही नहीं। साथ ही उन्होंने कि किसानों ने डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रही उनकी कार पर हमला बोला। सिर में पत्थर लगने के कारण कार असंतुलित हो गयी और किसानों की भीड़ पर चढ़ गयी। इसके बाद किसानों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया जिसमें उनके तीन कार्यकर्ता मारे गए।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने बेटे का किया बचाव
मामले पर अजय मिश्रा का कहना है कि उनके बेटे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि मेरा बेटा घटना के दौरान वहां मौजूद ही नहीं था। BJP के 3 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई, मेरे ड्राइवर को मार दिया गया है, हमारी गाड़ी जला दी गई।
मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी
सीएम योगी ने कहा है कि हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख का मुआवजा और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं घायलों को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सीएम योगी ने पीड़ित परिवारों को यह भी आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष तरह से जांच होगी। जांच में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज को शामिल किया जाएगा। साथ ही केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दायर किया गया है। बता दें कि किसानों के परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए भी तैयार नहीं थे। बाद में किसान नेता राकेश टिकैत ने योगी और पीड़ित परिवारों के बीच सुलह करायी। फिर मुआवजे का ऐलान किया गया।
प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत विपक्षी नेताओं को No Entry
अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। तमाम विपक्षी नेता किसानों के प्रति अंसवेदनशील होने के लिए बीजेपी और योगी सरकार को आड़े हाथ ले रहे हैं। यूपी प्रशासन द्वारा प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत विपक्षी नेताओं को घटनास्थल पर जाने नहीं दिया जा रहा है। फिलहाल हिंसा प्रभावित स्थानों पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है। साथ ही धारा-144 लागू कर दी गयी है।
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