पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के मुद्दे को लेकर आज सुबह केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। इस दौरान विधायकों ने विधानसभा में बहस के पहले विधानसभा की कैंटीन में बीफ फ्राई को नाश्ते के तौर पर खा कर केंद्र सरकार के प्रति अपना विरोध भी जताया। इस मामले में सीपीआई(एम) की विधायक प्रतिभा हरी ने कहा कि हमनें केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में बीफ फ्राई का सेवन किया। हम केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि वो ये तय नहीं कर सकती कि हम क्या खाएं और क्या नहीं? बता दें कि हाल ही में केरल युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र द्वारा बीफ बैन को लेकर सड़क पर बछड़े को काटकर इसका विरोध किया था।
केरल विधानसभा ने केंद्र के समन के खिलाफ प्रस्ताव जारी किया है राज्य के सीएम पिनराई विजयन ने ट्वीट कर कहा,’केरल विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के अधिकार हनन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।‘ सीएम ने कहा कि संसद को राज्यों के अधिकारों को लेकर केंद्र को कानून पारित करने का अधिकार नहीं है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन ने भी गोमांस के नए कानून को लेकर बीजेपी और आरएसएस कर तंज कसते हुए कहा,’यह कुछ नहीं केवल धोखाधड़ी है राज्य सरकार को केंद्र के कानून को खारिज करते हुए अपना कानून लाना चाहिए।’
कोर्ट ने की याचिका खारिज
थनैला के क्रय-विक्रय की जनहित याचिका को लेकर विजयन सरकार केरल हाईकोर्ट पहुंची। बुधवार को कोर्ट ने इस याचिका को सिरे से खारिज करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि थनैला के मांसहार के सेवन पर कोई रोक नहीं है लेकिन केंद्र का समन बड़े बाजारों के माध्यम से पशुओं के बड़ी क्रय-विक्रय पर रोक लगाना है। कोर्ट ने केंद्र को राज्य के इस याचिका पर विचार करने को कहा है। उधर, मंगलवार को चेन्नई हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान थनैला के क्रय-विक्रय के संबंध में केंद्र के समन पर रोक लगाने के साथ-साथ चार हफ्तों के अंदर केंद्र और राज्य सरकार से इसपर जवाब मांगा है।
गोमांस बैन पर बीजेपी नेताओं का इस्तीफा
गौमांस के बैन एवं थनैला के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने को लेकर न सिर्फ विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही है बल्कि खुद बीजेपी के खेमें में भी इस विरोध की आवाजे बुलंद हो रही है। इस मुद्दे को लेकर मेघालय के नॉर्थ गारो हिल्स के जिला प्रमुख बाचु मरक ने पार्टी अध्यक्ष शिबुन लिंगदोह को अपना इस्तीफा सौपते हुए कहा,’मैं गारों की भावनाओं के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता गौमांस का सेवन हमारे परंपरा का बहुमूल्य हिस्सा है और बीजेपी पार्टी किसी नॉन सेक्युलर सोच को किसी पर थोप नहीं सकती हैं।’