सोशल मीडिया पर साल 2023 की सबसे हिट BLOCK BUSTER कहानी, जिसमें एक हसीना थी दो दीवाने थे। ये कहानी थी ज्योति ,आलोक मौर्य और मनीष दुबे की। पति-पत्नी और “वो” का “अभूतपूर्व” किस्सा। जिसने पूरे देश में हंगामा मचा कर रख दिया। अफसर पत्नी ज्योति मौर्य पर पति आलोक के संगीन इल्जाम थे। जिसके बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त “घमासान” मचा था। पति के आरोप थे -“SDM बनते ही भूल गईलू।”
आलोक मौर्य की कहानी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी। आलोक की रोते हुए तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए थे। फरियाद ये कि पत्नी ज्योति मौर्य को आलोक ने पढ़ाकर बनाया एसडीएम लेकिन बाद में ज्योति दूसरे के रिलेशन में फंसकर आलोक को धोखा दे रही है यानि पति,पत्नि और वो का किस्सा सरेआम हो गया था।
2010 में आलोक मौर्य और ज्योति मौर्य की शादी हुई थी। ज्योति मौर्य 2016 में यूपीपीसीएस क्लियर करके एसडीएम बनी थीं। अभी ज्योति मौर्य बरेली की शुगर मिल में जनरल मैनेजर हैं । आलोक और ज्योति की कहानी ने पूरे देश में बहस छेड़ दी थी। आलोक के समर्थन में जनसैलाब उमड़ पड़ा। वहीं ज्योति का कहना था कि ये मामला ऐसा नहीं जैसा आलोक मौर्य दिखा रहे हैं।
दरअसल ये मामला झूठ बोलकर शादी कराने का था। आलोक के परिवार ने शादी के वक्त झूठ बोला था कि आलोक अफसर है जबकि आलोक सफाई कर्मचारी था। ज्योति ने आरोप लगाया था कि आलोक और उसका परिवार दहेज का लालची है। दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहा था और इसलिए ज्योति आलोक से डाइवोर्स चाहती हैं। ये पूरा मामला अदालत में चल रहा था।
इन दिनों सोशल मीडिया पर आग लगी हुई थी , तमाम खबरिया चैनल घर परिवार के झगड़े पर तमाशा खड़ाकर टीआरपी की दुनिया में क्रांति कर रहे थे,क्योंकि ये बात सिर्फ परिवार की चौखट तक नहीं रह गई थी, अब ये मामला समाज-परिवार के तकाजों का हो गया था। लोग मुखर होकर कहने लगे थे कि ठीक है पढ़ाया लिखाया लेकिन पढ़ाने लिखाने का मतलब ये तो नहीं कि कोई आपकी गुलामी स्वीकार कर ले फिर चाहे वो पत्नी ही क्यों ना हो? तो वहीं कुछ लोग ये कह रह थे कि बड़प्पन पति को दिखाना चाहिए था। आलोक मौर्य ने जिस महिला से अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए उसी की इज्जत चौराहे पर तार तार कर दी।
सोशल मीडिया पर तो जैसे उनके फेक पर्सनल चैट और ऑडियो की बाढ़ सी आ गयी लोग चटखारे लेकर पूरे मामले का मज़ा ले रहे थे तो वहीं कई ऐसे गाने भी बने जिसमें एसडीएम ज्योति की बेवफाई को लोगों ने दर्शाया। जिस ज्योति को पढ़ाने लिखाने के लिए आलोक मौर्य ने अपनी गाढ़ी कमाई लगा दी थी, वही पत्नी यूपी में अफसर बनते ही रुआब में आ गईं और पति को गच्चा दे गयी। वैसे तो ये खबर नेशनल टीवी पर चलनी चाहिए या नहीं चलनी चाहिए इसको लेकर भी एक बहस चल रही थी लेकिन बहस से परे इस पूरे मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए कि आखिर पति पत्नि और वो का मसला कैसे एकाएक पूरे देश में सुर्खियों में आ गया।
आलोक औऱ ज्योति की पूरी कहानी की तह में जाने से पहले आपको ये बता दें कि आलोक औऱ ज्योति के बीच खटपट तो करीब दो तीन साल पहले ये ही शुरू हो गयी थी लेकिन सोशल मीडिया पर ये मामला वायरल हुआ 25 जून 2023 को। ट्वीट में आलोक मौर्य की रोते बिलखते फोटो थी और एक पुरानी फोटो साथ में थी जिसमें अच्छे दिनों की तस्वीर थी जब आलोक औऱ ज्योति साथ साथ थे।
जो जानकारियां उस वक्त सामने आईं उसके मुताबिक आलोक मौर्य ग्रेड 4 सफाई कर्मी थे। पत्नी ज्योति मौर्य को पढ़ाने में जमापूंजी खर्च की। पीसीएस की तैयारी के लिए लोन भी लिया। ज्योति मौर्य एसडीएम बन गईं। इस पूरे मसले पर पति आलोक का आरोप था कि कथित तौर पर उनका दूसरे से अफेयर है। प्रेमी के साथ मिलकर आलोक की हत्या की साजिश रची जा रही थी।
आलोक मौर्य का आरोप था कि उन्होंने पत्नी को रंगे हाथ पकड़ा था। व्हाट्सएप चैट भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। अब आलोक को अपनी पत्नी ज्योति से इंसाफ चाहिए। आलोक और ज्योति मौर्य की 8 साल की जुड़वां बेटियां हैं। पत्नी ज्योति मौर्य ने भी पति समेत पूरे परिवार पर दहेज केस किया। ये तो वो कहानी थी जो ट्विटर के जरिए सोशल मीडिया पर वायरल हुई। कुछ व्हाट्सएप चैट भी लीक हुये जिन्हें कथित तौर पर ज्योति मौर्य का बताया गया लेकिन एपीएन न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है।
साल 2023 से ठीक 14 साल पहले आलोक और ज्योति मौर्य की इस कहानी को ले जाते हैं। प्रयागराज,धूमनगंज का झलवा क्षेत्र जहाँ से शुरू हुयी दोनों की असल कहानी। आजमगढ़ की मेघनगर तहसील गांव का नाम बछवल। इसी गांव में मुरारी मास्टर के बेटे आलोक मौर्य थे।
2009 में आलोक कुमार मौर्य की पंचायती राज विभाग में नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर हुई । नौकरी मिली औऱ साल भर में आलोक ने शादी कर ली। 2010 में आलोक की शादी ज्योति मौर्य से हुई। ज्योति मौर्य वाराणसी के चिरईगांव की रहने वाली हैं। ज्योति बेहद साधारण परिवार से हैं। ज्योति मौर्य के पापा बनारस में छोटी से दुकान चलाते थे जिससे परिवार का खर्च चलता था।
गुरबत में प्रतिभाएं भेंट नहीं चढ़ती बल्कि निखरती हैं, ज्योति की कहानी में भी यही हुआ। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार शादी के वक्त ग्रैजुएशन कर रही थीं। शादी के वक्त आलोक मौर्य प्रयागराज के धूमनगंज में तैनात थे। हर लड़की पढ़ना औऱ बढ़ना चाहती है। ज्योति के भी ख्वाब ऐसे ही थे, दुनिया का कोई भी पति अपने पत्नी के सपनों में दीवार खड़ी नहीं करता। कहानी ये भी सामने आई कि आलोक ने पत्नी के सपने को परवान चढ़ाने के लिए त्याग किया,, यानी पढ़ाया लिखाया । प्रयागराज में कोचिंग में एडमिशन दिलवाया, सिविल सर्विसेज में कोचिंग भी काफी महंगी होती है, इसके लिए आलोक मौर्य ने अपने पापा यानी मुरारी मास्टर की मदद ली और फिर वो दिन आ गया जब आलोक और ज्योति की गृहस्थी में खुशियां मुस्कुराने लगीं।
2016 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में ज्योति मौर्या सेलेक्ट हो गईं। मेरिट लिस्ट में टॉपर ज्योति की रैंकिंग 16वें नंबर पर थी। अब ज्योति मौर्य एसडीएम बन गई थीं। खुशियां मौर्य परिवार पर मेहरबान थी। जुड़वां बेटियां मौर्य दंपत्ति को हुई। ज्योति मौर्या की तैनाती प्रयागराज जिले में भी हुयी, हालांकि इसके पहले ज्योति मौर्या की तैनाती कौशांबी, प्रतापगढ़, जौनपुर और लखनऊ जिलों में भी थी ।
आलोक मौर्य ने बताया कि शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था घर में खुशियां थी। पत्नी अधिकारी औऱ पति फोर्थ ग्रेड कर्मचारी। बकौल आलोक फिर भी सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन 2020 सिर्फ कोरोना के लिए ही नहीं बल्कि आलोक औऱ ज्योति के रिश्तों के लिए भी वायरस लेकर आ गया। कोरोना से भी खतरनाक वायरस जिसने आलोक और ज्योति के रिश्ते को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया। आलोक के आरोपों के हिसाब से ज्योति मौर्य का अफेयर होमगार्ड के कमांडेंट मनीष दुबे से शुरू हो गया था।
आलोक ने जब रोकने की कोशिश की तो आरोप के मुताबिक ज्योति मौर्य ने उन्हें मारने की साजिश रच डाली। इस पूरे मामले के बाद रातोंरात ज्योति मौर्य का नाम पूरे देश में ट्रेंड करने लगा। ये बेशक उनका निजी मामला था लेकिन इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया औऱ चैनलों पर चलने वाली पंचायत ने ऐसा लगा जैसे निजता को तार तार कर दिया हो। आलोक औऱ ज्योति के बीच बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ। ज्योति औऱ आलोक के बीच झगड़े का वीडियो भी वायरल हुआ।
आलोक मौर्य तीन साल से अपना दर्द पब्लिकली साझा कर रहे थे,जून 2023 में उनकी कहानी वायरल जरूर हुई लेकिन आलोक का जख्म पुराना था। ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे जिस पत्नी को अफसर बनाने के लिए जमापूंजी झोंक दी, उसी पर आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगा रहे थे। ये कहानी आलोक के हवाले से सबके सामने आई थी।
पूरी कहानी बताते हुए आलोक का दावा था कि 2009 में पंचायती राज विभाग में उन्हें नौकरी मिली थी, पोस्टिंग हुई थी प्रतापगढ़ में औऱ फिर शादी के बाद वो पत्नी ज्योति मौर्य को स्पेशली प्रयागराज लेकर आए और काफी खर्च करके कोचिंग में एडमिशन करवाया। आलोक के आरोपों के लपेटे में सिर्फ ज्योति मौर्य नहीं बल्कि उनका भाई और आलोक का साला सचिन भी है। आरोप ने ज्योति के भाई सचिन पर कई संगीन इल्जाम लगाए हैं।
आलोक धूमनगंज थाने से लेकर कमिश्नर औऱ डीजीपी तक गए। हर जगह दिलासा मिला कार्रवाई कहीं नहीं हुई लेकिन उम्मीद की एक किरण आलोक को दिखी डीजी होमगार्ड से यानी वो डिपार्टमेंट जिसमें बकौल आलोक उनकी पत्नी ज्योति के कथित प्रेमी मनीष दुबे कमांडेंट थे।
आगे जारी है…..