जस्टिस सी.एस कर्णन पहले ऐसे जज है जो अपनी रिटायरमेंट के दिन भी फरार हैं। दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट  के जज जस्टिस सी.एस कर्णन  आज रिटायर हो रहे हैं  मगर वो अब भी  फरार हैं।  आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को अवमानना का दोषी मानते हुए 6 महीने की सजा सुनाई थी जिसके बाद 9 मई से वो अंडरग्राउंड हैं।

दरअसल, जस्टिस कर्णन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों के वर्किंग और रिटायर जजों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को अपमानजनक पत्र लिखने का आरोप है। कुछ मामलों में उन्होंने भ्रष्टाचार और जाति के भेदभाव का भी आरोप लगाया। उन्होंने उच्च न्यायालय कॉलेजियम के फैसले को भी मद्रास उच्च न्यायालय से कोलकात्ता उच्च न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया था। उसके बाद जब जस्टिस कर्णन की गिरफ्तरी का आदेश जारी हुआ तो कर्णन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर और छ: अन्य सुप्रीम कोर्ट के जजों को ही एससी / एसटी अधिनियम के तहत पांच साल की सजा सुनाई थी।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पश्चिमी बंगाल के पांच सीनियर अधिकारियों की एक टीम जस्टिस कर्णन को गिरफ्तार करने चैन्नई में उनके घर भेजी गई।  इस टीम में डीजीपी राज कानोजिया के अलावा रणवीर कुमार, सी सुधाकर, दीपंकर बख्शी और सुकुमल कांति दास तक शामिल थे, लेकिन यह टीम जस्टिस कर्णन को पकड़ने में नाकाम रही। फिलहाल जस्टिस कर्णन गायब हैं। पुलिस लगातार तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में उनके ठौर-ठिकानों पर उन्हें ढूंढ रही है।  यह शायद भारतीय न्यायपालिका का पहला ऐसा मौका है, जब कोई जज अपनी ही विदाई में शामिल नहीं होगा। वैसे वो अगर सामने भी आते भी हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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