मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार की स्थिति पर बयान दिया। मालूम हो कि बतौर राज्यपाल सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर में भी सेवा दे चुके हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने वो किया और कश्मीर में जो कि इतना भ्रष्ट राज्य है कि आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते। सारे देश में कमीशन 4-5% माँगा जाता है, कश्मीर में 15% मांगा जाता है। बाद में मेरे रहते वहां कोई करप्शन का बड़ा काम नहीं हुआ।”
‘मैं सीना ठोक के कह सकता हूं कि मेरी सारी जांच करवा लें’
सत्यपाल मलिक ने कहा, “आदमी की सबसे बड़ी ताक़त उसकी ईमानदारी है। मेरी शपथ हो रही थी जब मंत्री की तो वीपी सिंह जी ने मुझे कहा कि सतपाल संभल कर काम करना। मैंने पूछा कि क्यों। कहने लगे कि बेईमानी करने के बाद प्रधानमंत्रियों से नहीं लड़ा जा सकता। और हम दोनों को प्रधानमंत्रियों से लड़ना है। लिहाज़ा पाक साफ़ रहना है। मैं जो कश्मीर से लौटने के बाद किसानों के लिए बोल दिया बेधड़क, अगर मैं कश्मीर में कुछ कर लेता तो मेरे घर तो ईडी पहुंच जाती सबसे पहले, इनकम टैक्स वाले पहुंच जाते। आज मैं सीना ठोक के कह सकता हूँ कि प्रधानमंत्री के पास सारी संस्थाएं हैं और मेरी सारी जांच करवा लें, मैं ऐसे ही बेधड़क रहूँगा क्योंकि मेरे पास कुछ नहीं है।”
कश्मीर में मेरे पास अडानी और संघ से जुड़ी फाइलें आई थीं- मलिक
मेघालय के राज्यपाल ने बताया, ‘मेरे कश्मीर में जाने के बाद दो फ़ाइलें मेरे पास आयी। एक में तो अंबानी इन्वॉल्व्ड थे। एक में संघ के बड़े अफ़सर हैं, वो थे। पुराने महबूबा के सरकार के मिनिस्टर थे जो अपने को प्रधानमंत्री के बहुत नज़दीक बताते थे। दोनों विभाग के सचिव ने मुझे ये बताया कि साहब इसमें घपला है। मैंने दोनों डील कैन्सल कर दिए। सचिव ने मुझे ये भी बताया कि साहब डेढ़-डेढ़ सौ करोड़ रुपया इसमें आपको मिल सकता है। मैंने कहा कि मैं तो पांच कुर्ते-पायजामे लेकर आया हूँ, ऐसे ही चला जाऊंगा। लेकिन एहतियातन मैंने प्रधानमंत्री जी से वक़्त लिया और उनसे मिलने गया। उनको मैंने कहा कि साहब ये फ़ाइल हैं। ये इसमें घपला है। ये लोग इसमें शामिल हैं। ये आपका नाम लेते हैं। आप बताएं कि क्या करना है। अगर इसको कैन्सल नहीं करना है तो मैं छोड़ देता हूं, किसी दूसरे को लगा दीजिए मेरी जगह। मैं रहूंगा तो इसको होने नहीं दूंगा। मैं इस बात की तारीफ़ करूंगा प्रधानमंत्री की के उन्होंने कहा कि नहीं सतपाल भ्रष्टाचार पर कोई समझौता करने की ज़रूरत नहीं है।’
‘महबूबा मुफ्ती और अबदुल्लाओं के खिलाफ दिए थे जांच के आदेश’
सत्यपाल मलिक ने कहा, “फारूक अब्दुल्ला रोशनी ऐक्ट लाये थे कि ये सरकारी ज़मीनें हैं। हम ठीक-ठाक दाम पर दे देंगे। इससे जो रुपया मिलेगा उससे बिजली की हालात सुधारेंगे। बिजली की हालत तो सुधरी नहीं। कई एकड़ का प्लॉट फारूक अब्दुल्ला को मिल गया। उनके बेटे को मिल गया। महबूबा को मिल गया। मुझे जब लोगों ने शिकायत कि तो मैंने पता करवाया। तो पता चला कि बिलकुल ऐसा ही है। मैंने वो सारा कैन्सल कर दिया और उसकी जांच बैठा दी। अब वहां जांच भी सरकारी संस्थाएं करती हैं। वो भी डरते हैं कि कल को ये आ जाएंगे।’
उन्होंने कहा, ‘…तो वहां बहुत अच्छी एक लेडी जज चली गयीं थी। मैंने उन लोगों को कहा कि जज साहब के पास चले जाओ। तो वो हाईकोर्ट में चले गए। मिस मित्तल थीं और उन्होंने सारा मामला सीबीआई को पकड़ा दिया। अब सब नेताओं के बंगले कैंसल हो गए। सबकी ज़मीनें कैंसल हो गयीं।”
यह भी पढ़ें: Satyapal Malik का खुलासा, कश्मीर में अंबानी और RSS की तरफ से रिश्वत की हुई थी पेशकश