Jamiat Ulema e Hind: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमियत उलेमा-ए-हिन्द का 34वें अधिवेशन का आयोजन किया गया है। शनिवार यानी 11 फरवरी को इसके चीफ मौलाना महमूद मदनी ने भारत और मुसलमानों को लेकर कहा था कि भारत की धरती मुसलमानों की पहली मातृभूमि है और इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है। वहीं, अब इस अधिवेशन में मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान से बवाल मच गया। मौके पर कई लोगों ने इसका विरोध भी किया।

Jamiat Ulema e Hind: इन्ही को तो हम अल्लाह कहते हैं- अरसद मदनी
अधिवेशन को संबोधित करते हुए जमियत उलेमा-ए-हिन्द के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा “मैंने बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि जब कोई नहीं था। न श्री राम थे, न ब्रह्मा थे, न शिव थे। तब सवाल उठता है कि मनु पूजते किसको थे? कोई कहता है शिव को पूजते थे, लेकिन उनके पास इल्म नहीं है।”
आगे मौलाना अरशद मदनी ने कहा “बहुत कम लोग यह बताते हैं कि मनु कुछ नहीं था दुनिया में वो ओम को पूजते थे। मैंने कहा ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि वह एक हवा है जिनका कोई रूप नहीं है। कोई रंग नहीं है। वह दुनिया में हर जगह हैं, हवा हर जगह है। उन्होंने आसमान बनाया, उन्होंने जमीं बनाई।”
वहीं, इसका जवाब देते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा “मैंने कहा अरे बाबा… इन्ही को तो हम अल्लाह कहते हैं।” आगे अरशद मदनी ने कहा कि इन्हीं को तो तुम(हिन्दू) ईश्वर कहते हो, फारसी बोलने वाले खुदा कहते हैं और अंग्रेजी बोलने वाल गॉड कहते हैं। अपनी इस बात को समझाते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा “इसका मतलब यह है कि मनु यानी आदम, एक ओम यानी एक अल्लाह को पूजते थे।”
आरएसएस प्रमुख भागवत का बयान था गलत- अरशद मदनी
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान गलत था। अल्लाह और ओम एक हैं। मदनी ने कहा कि हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी और सारे मुसलमान हिंदू हैं, यह बयान गलत और जाहिल जैसा है। वहीं, मदनी के इस बयान के बाद मंच पर जैन मुनि गुरु लोकेश मुनि ने विरोध जताया और कहा कि जोड़ने वाले कार्यक्रम में आपत्तिजनक बातें क्यों?
आपको बता दें कि 11 फरवरी को अधिवेशन को संबोधित करते हुए महमूद मदनी ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस से कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन धर्म के आधार को कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
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