1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सीबीआई ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ लाइ डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति मांगी है। जगदीश टाइटलर पर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के वजीरपुर इलाके में दंगाइयों को भड़काने और हिंसा में शामिल होने के आरोप हैं।
सीबीआई उन्हें क्लीन चिट दे चुकी थी, लेकिन दंगा पीड़ितों ने टाइटलर को क्लीन चिट दिये जाने के मामले में पुनः याचिका दायर की थी। पीड़ितों का कहना था कि टाइटलर के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद सीबीआइ उन्हें बचा रही है। लखविंदर कौर ने पीड़ितों की ओर से सीबीआइ के क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी।
याचिका दाख़िल होने के बाद कोर्ट ने सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए टाइटलर के खिलाफ फिर से जांच करने का आदेश सुनाया था। इसके बाद उनके खिलाफ फिर से जांच चल रही है। इसी क्रम में सीबीआई ने लाइ डिटेक्टेर टेस्टं की अनुमति की मांग की है।
गौरतलब है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगे में करीब 3,325 लोगों मौत हो गई थी। मरने वाले लोगों में सर्वाधिक 2,733 लोगों की मौत दिल्ली में हुई थी। जगदीश टाइटलर हमेशा से इस दंगा मामले से पल्ला झाड़ते आये हैं। टाइटलर इस मामले में अपना नाम बेवजह घसीटने की बात करते रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी बेगुनाही का सुबूत सीबीआई की जाँच को आधार बनाकर भी पेश किया था।
सीबीआई की इस लाई डिक्टेटर टेस्ट याचिका मामले में आज सुनवाई होगी। अगर सुनवाई में फैसला सीबीआई के पक्ष में रहा और कोर्ट ने सहमति दे दी तो इस मामले में जगदीश टाइटलर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।