एक तरफ जहां डोकलाम विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच सीमा पर तनातनी चल रही है वहीं दूसरी तरफ सरकार ने चीन से संबंद्ध देश के अंदर चल रहे गुप्त गतिविधियों पर भी निगाह बनाना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार को आशंका है कि चीन से संबंधित मोबाइल कंपनियां कहीं उपयोगकर्ताओँ के डेटा चुराकर किसी दूसरे देश को तो नहीं बेच रही है। इसी को लेकर  सूचना एवं प्रद्यौगिकी मंत्रालय (आईटी मिनिस्ट्री) ने स्मार्टफोन कंपनियों के लिए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सरकार ने कंपनियों से पूछा है कि आखिर उनके स्मार्टफोन में यूजर्स के डेटा को लेकर क्या सुरक्षा इंतजाम हैं। इन कंपनियों में चाइनीज कंपनी  वीवो, ओप्पो, शाओमी और जियोनी का नाम पहले नंबर पर है।

वर्तमान में भारत के करोड़ों लोग चाइनीज हैंडसेट इस्तेमाल करते हैं। खबर के मुताबिक देश में हर साल 20-22 करोड़ हैंडसेट बिकते हैं जिसकी कीमत करीब 90 हजार करोड़ रुपए है। देश की बड़ी आबादी इन दिनों चीनी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करती है। पूरे विश्व जहां साइबर क्राइम और हैकिंग को लेकर काफी परेशान है वहीं भारत भी इस परेशानी से अछूता नहीं है। इसी को लेकर सरकार काफी सतर्क है। यह कदम भी सरकार ने इसीलिए उठाया है।

नोटिस पाने वाली कंपनियों में एप्पल, सैमसंग और माइक्रोमेक्स जैसी कंपनियां भी हैं। अगर मोबाइल कंपनियों की तरफ से कोई अनियमितता पाई जाती है, तो कंपनियों को जुर्माना देना होगा।

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