सनसनीखेज भंवरी देवी हत्याकांड में अब एक नया मोड़ आ गया है।  भंवरी देवी की कत्ल की आरोपी इंदिरा बिश्नोई का कहना है कि ” भंवरी देवी जिंदा है और बेंगलुरु में रह रही है।”  आपको बता दें कि बीते 3 जून को इंदिरा बिश्नोई को मध्य प्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया था।  अब इंदिरा के वकील ने भी उनके दावे का समर्थन करते हुए कहा है कि सीबीआई ने नहर से जो हड्डियां बरामद की थीं, वह भंवरी की नहीं थी और फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी कोई  निष्कर्ष सामने नहीं आया था।

बचाव पक्ष के वकील ने कहा, ‘यह कथन सीबीआई का है कि भंवरी देवी मर चुकी है और इसका आधार गवाहों के बयान हैं।’  उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दावा किया था कि नहर में कुछ हड्डियां मिली हैं और वह भी भंवरी के गायब होने के चार महीने बाद। उन्होंने कहा, हड्डियों की जांच रिपोर्ट में कुछ स्पष्ट नहीं हुआ था, जिसका मतलब है कि भंवरी जीवित भी हो सकती है।

आपको बता दें कि नट जाति की भंवरी देवी जोधपुर जिले के बोरूंदा में रहने वाली शादीशुदा महिला थी। नर्स की नौकरी के साथ ही वह राजस्थानी लोक गीतों की कई एल्बम भी बनवा चुकी थी।  राजस्थानी फिल्मों की हीरोइन बनने के लिए भटक रही भंवरी देवी अस्पताल से गायब रहने लगी।  इसकी शिकायत होने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया। नौकरी पर फिर से बहाल होने के लिए वह कांग्रेस के कद्दावर नेता रामसिंह विश्नोई के पुत्र मलखान से मिली। दोनों की दोस्ती परवान चढ़ने लगी।  इन दोनों के रिश्तों से भंवरी ने एक बेटी को भी जन्म दिया।  इस दौरान उसके मन में राजनीति में जाने का ख़्वाब जाग उठा। इसके बाद उसने मलखान के अलावा दिग्गज कांग्रेस नेता परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल मदेरणा से भी दोस्ती कर ली।  कहा जाता है कि नेताओं से नजदीकी के कारण भंवरी ने एमएलए बनने के लिए टिकट की मांग करनी शुरू कर दी। इस चक्कर में भंवरी ने मलखान और महिपाल मदेरणा को ब्लैक मेल करना शुरू कर दिया। जिसके बाद आरोप है कि रामसिंह विश्नोई की बेटी इंदिरा बिश्नोई ,मदेरणा और मलखान ने मिलकर साजिश के तहत अगवा करवा कर उसे मौत के घाट उतार दिया। फिलहाल सीबीआई एक बार फिर से इस मामले की जाँच कर रही है।