तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले विकासशील देशों में भारत बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में इस तरह की खबरें भारत के अर्थव्यवस्था को और बल देती हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी मार्गन स्टैनले की मानें तो देश का विदेशी मुद्रा भंडार साल 2015 के दौरान अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर था और तब से यह काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मार्गन स्टैनले के मुताबिक अगर विदेशी मुद्रा भंडार की रफ्तार बीते चार हफ्तों की ही तरह रही तो 8 सितंबर, 2017 को यह 400 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। बता दें कि 4 अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 393.45 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था।
रिपोर्ट के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 अगस्त को समाप्त हफ्ते में 16.38 करोड़ डॉलर बढ़कर अब तक के रिकॉर्ड स्तर 393.61 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिसर्च में कहा गया है कि पिछले 12 माह में जापान को छोड़कर एशिया में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे अधिक वृद्धि भारत में हो रही है। भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोत्तरी की प्रमुख वजह पूंजी का सतत प्रवाह और ऋण का कमजोर उठाव बताया गया। हालांकि स्वर्ण भंडार 19.94 डॉलर पर स्थिर रहा।