कोरोना की दूसरी लहर भारत में अभी थमी नहीं है लेकिन जनता सारे नियम कानून को तोड़ते हुए सैर पर निकल गई है। बाजार से लेकर बीच पर पूरा शहर नजर आ रहा है। हर तरफ इंसानों का झुड़ कोरोना की तीसरी लहर को बुलावा देते हुए दिख रहा है। बात हो शिमला या फिर भिवपुरी की हर जगह लोग बैखौफ होकर खुली हवा का लुत्फ उठा रहे हैं।

इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो कोरोना की तीसरी को आते देर नहीं लेगेगी वहीं भारी तबाही भी मचाएगी।

यात्रा का लुत्फ उठाने वाले लोग सूपर स्प्रेडर की भूमिका निभा सकते हैं। बता दें कि विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर नवंबर – डिसंबर के बीच दस्तक दे सकती है वहीं यह बच्चों को सबसे अधिक शिकार बनाने वाली है। एक रिसर्च के अनुसार तीसरी लहर बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। इसका सबसे अधिक खतरा भारत पर है।

आइएमए ने भारत सरकार समेत सभी राज्य सरकारों से मांग की है कि कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराया जाए। धार्मिक स्थलों को बंद रखा जाए। पर्यटन स्थलों पर ताला लगा देना चाहिए। तीसरी लहर को कम करने के लिए यह उपाय कारगार साबित हो सकता है।

बता दे कि आइएमए ने कहा कि धार्मिक स्थलों खोलना जरुरी है लेकिन मौजुदा हालात के अनुसार तीन माह तक इसे बंद रखा जाए तो इसी में जनता की भलाई है। क्योंकि यहां पर सबसे अधिक भीड़ होती है। एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से आसानी से संपर्क में आता है। यहां से कोरोना बूरी तरह फैल सकता है।

आइएमए के अध्यक्ष डा. जेए जयलाल ने कहा कि डाक्टर दूसरी लहर से निपटकर तुरंत बाहर निकले हैं। ऐसे समय में देश के कई हिस्सों में सरकार के प्रतिनिधि व आम लोग बचाव के नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं और सामूहिक समारोहों में शामिल हो रहे हैं। पर्यटन व धार्मिक यात्राओं जैसे आयोजनों से होने वाला आर्थिक नुकसान कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान व दुष्परिणाम से कम है। इसलिए यह सबकी जिम्मेदारी है कि बचाव के नियमों का ठीक से पालन करें और अभी ऐसा कोई आयोजन न करें, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा हो। इसके अलावा लोगों के घर के नजदीक टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

आइएमए ने कहा कि बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस हालात में जहां हमे तीसरी लहर को रोकने के लिए अधिक से अधिक काम करना चाहिए वहीं राज्य सरकारे ढील दे रही हैं। कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इससे संक्रमण को रोकना संभव नहीं है।

आइएमए ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैक्सीनेट लोग ही भीड़ का हिस्सा बने, इससे कोरोना संक्रमण का खतरा कम बना रहेगा।

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