ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग में भारत ने लगातार दूसरे साल लंबी छलांग लगाई है। विश्व बैंक की ओर से जारी सूची में भारत ने 23 रैंक की छलांग के साथ 77वां स्थान हासिल किया है। भारत पिछले साल 100वें स्थान पर रहा था। पिछले दो सालों में भारत की रैकिंग में कुल 53 पायदान का सुधार आया है। माना जा रहा है कि इससे भारत को अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए यह रैंकिंग कुछ राहत की बात है। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले सरकार को विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनस में भारत की रैंकिंग की खबर सुनकर खुश हूं। आर्थिक तरक्की के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं।’
Delighted at yet another rise in India’s ‘Ease of Doing Business’ rank. We are unwavering in our commitment towards economic reforms, which will ensure an environment that fosters industry, investment and opportunities. @WorldBank
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2018
विश्व बैंक की पिछले साल की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 30 पायदान की छलांग के साथ 100वें स्थान पर पहुंच गया था। यह एक वर्ष के अंतराल में भारत द्वारा लगाई गई सबसे बड़ी छलांग थी। इसमें 190 देशों को रैंकिंग दी जाती है। नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी। पीएम ने आने वाले सालों में भारत को टॉप 50 देशों की खास लिस्ट में शामिल करने का लक्ष्य दिया है। विश्व बैंक की यह रैंकिंग 10 मानदंडों मसलन कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली कनेक्शन हासिल करना, कर्ज हासिल करना, टैक्स भुगतान, सीमापार कारोबार, अनुबंध लागू करना और दिवाला मामले का निपटान पर आधारित होती है। विश्व बैंक की कारोबार सुगमता पर 2019 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कारोबार शुरू करने और उसमें सुगमता से संबंधित दस मानदंडों में से 6 में भारत की स्थिति सुधरी है।
India has registered historic rise in World Banks's #EaseOfDoingBusiness rankings, improving from 100 in 2017 to 77 in 2018. pic.twitter.com/WQF8rhAdWF
— BJP (@BJP4India) October 31, 2018
इन मानदंडों में कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली की सुविधा प्राप्त करना, कर्ज प्राप्त करना, करों का भुगतान, सीमापार व्यापार, अनुबंधों को लागू करना और दिवाला प्रक्रिया से निपटना शामिल है। नरेंद्र मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आई थी। उस समय भारत कारोबार सुगमता के मामले में 190 देशों की सूची में 142वें स्थान पर था। पिछले साल भारत की रैंकिंग 131वें से 100वें स्थान पर आ गई थी। कारोबार सुगमता रैंकिंग में न्यूजीलैंड शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, डेनमार्क और हांगकांग का नंबर आता है। सूची में अमेरिका आठवें, चीन 46वें और पाकिस्तान 136वें स्थान पर है। विश्व बैंक ने इस मामले में सबसे अधिक सुधार करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत को दसवें स्थान पर रखा है।
‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ से लोगों का जीवन जीना भी हुआ आसान : पीएम मोदी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जब सरकार बनी थी तब हम ईज ऑफ डुईंग बिजनेस रैंकिंग में 142वें स्थान पर थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारा लक्ष्य टॉप-50 में आना है। अगर 5 साल में हम 50 रैंक में आ गए तो ऐसा कभी हुआ नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि DIPP ने बारीकी से काम किया है। उसने हर योग्यता पर काम किया। इसी वजह से भारत की रैंकिंग इतनी ज्यादा सुधरी है।