भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर वो मुकाम हासिल करने में कामयाब हो सकती है जो उसने कुछ समय पहले खो दिया था। जैसा कि सबको पता है कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी। विश्व बैंक सहित कई संगठनों और अर्थशास्त्रियों ने भी कहा था कि भारत के अर्थव्यवस्था में हुए इन दोनों बड़े बदलावों के कारण भारतवासियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था और इसपर अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन अब सबकुछ ठीक होने की स्थिति में आ रहा है। दरअसल, विश्व बैंक का अनुमान है कि इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहेगी और 2019 तथा 2020 में यह बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। विश्व बैंक ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रभावों से निकल चुकी है।
यही नहीं देश में और भी लाभकारी संकेत है जो अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काफी मददगार साबित होंगे। बताया जा रहा है कि मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मॉनसूनी बारिश अच्छी रहने से बंपर पैदावार होगी। वहीं, मार्च महीने में थोक महंगाई दर भी आठ महीने के निचले स्तर पर आ गया। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जीएसटी लागू करने के बाद विकास दर में आई अल्पकालिक गिरावट के दौर से बाहर निकल चुकी है।
साल में दो बार जारी होने वाली साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिपोर्ट ‘जॉबलेस ग्रोथ’ में बैंक ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार की बदौलत इस क्षेत्र ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र का दर्जा फिर से हासिल कर लिया है। भारत के संबंध में कहा गया है कि उसकी आर्थिक वृद्धि 2017 में 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 7.3 प्रतिशत हो सकती है। निजी निवेश तथा निजी खपत में सुधार से इसके निरंतर आगे जाने की उम्मीद है।