लखनऊ- आगरा हाईवे पर भारतीय वायुसेना ने आज एक नया इतिहास रच दिया। आज सुबह 10 बजे वासुसेना के इस अभ्यास के दौरान एक के बाद एक फाइटर जेट ने यहां लैंड किया। इसकी शुरुआत 35,000 किलोग्राम वजनी सी 130 जे हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट से हुई। जैसे ही इस विमान ने हाईवे पर लैंड किया, गरुड़ कमांडो नीचे उतरे और उन्होंने एक्सप्रेस वे की सुरक्षा का जिम्मा संभाला।
दरअसल लखनऊ के बक्शी का तालाब वायुसेना स्टेशन द्वारा सबसे बड़ा आपरेशनल रिहर्सल किया जा रहा है। इसमें वायुसेना के चार स्टेशनों के 17 विमान एक्सप्रेस-वे पर टचडाउन करेंगे।
इसी तरह यह स्पेशल ड्रिल आगे बढ़ती गई और एक के बाद एक एयरक्राफ्ट उतारे और अभ्यास किया। बता दें कि अत्याधुनिक मालवाहक विमान C-130J सुपर हरक्यूलिस के अगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उतरने के साथ ही टचडाउन अभ्यास शुरू हो गया। इससे पहले वायुसेना ने मिराज 2000 और सुखोई फाइटर विमानों के साथ यमुना एक्सप्रेसवे पर अभ्यास किया था। अब इस 3.5 किमी लंबी एयरस्ट्रिप पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों के उतरने का सिलसिला शुरू होगा।
इस लिस्ट में सबसे पहला फाइटर जेट जगुआर रहा। यह वायुसेना का बम वर्षक विमान है जो एक बार 4000 किलो से ज्यादा का वजन ले जा सकने में सक्षम है। इस दौरान एक के बाद एक तीन जगुआर फाइटर जेट्स ने टचडाउन किया। फाइटर जेट जगुआर के बाद वायुसेना के मिराज 2000 ने टच डाउन किया। यह जगुआर के मुकाबले हल्का फाइटर जेट्स हैं। इसके बाद तीसरी लाइन में सुखोई 30 ने लो ओवरशूट किया। भारतीय वायुसेना का यह फाइटर जेट 3000 किमी की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। इसके बाद इन जेट्स ने भी टचडाउन किया।
गौरतलब है कि इस टचडाउन को देखने के लिए करीब 1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जिसमें एयरफोर्स के अफसर, जिला प्रशासन, वीआईपी और मीडिया के लोग मौजूद रहे। दूसरी बार होने वाली इस एक्सरसाइज में फाइटर प्लेन 3.2 किमी की एयरस्ट्रिप पर उतरकर 500 मीटर दौड़ उड़ान भरेंगे। पिछली बार नवंबर में सुरक्षा में चूक के चलते रनवे पर एक कुत्ता आ गया था, जिसकी वजह से एक बड़ा हादसा होने से बच गया, इस बार प्रशासन ने पूरे रनवे के किनारे फेंसिंग लगा दी है।
हालांकि इस टचडाउन के लिए भी खूब तैयारी की गई। 100 टैंकर पानी से आगरा एक्सप्रेस वे की धुलाई की गई, उसके बाद छोटे-छोटे सुराख तक को सीमेंट के घोल से भर दिया गया है और रन-वे के दोनों तरफ 100 फीट की फेसिंग लगाई गई है, ताकि कोई अंदर न आ सके। बैठने के लिए सोफे, कुर्सियां लगाई गई हैं। एयरफोर्स के अफसरों ने ड्रोन कैमरे के जरिए पूरे इलाके की निगरानी भी की।