जनसंख्या असंतुलन से बन रहे नए देश, भारत को उठाना होगा बड़ा कदम, नागपुर में बोले मोहन भागवत

बता दें कि 1925 में दशहरे के दिन ही आरएसएस की स्थापना की गई थी। डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। अपने स्थापना दिवस कार्यक्रम में संघ देश भर में पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन करता है।

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RSS Shastra Pujan Live: RSS के दशहरा उत्सव में मोहन भागवत का संबोधन, बोले- शक्ति ही शांति का आधार
RSS Shastra Pujan Live: RSS के दशहरा उत्सव में मोहन भागवत का संबोधन, बोले- शक्ति ही शांति का आधार

RSS Shastra Pujan: विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का शस्त्र पूजन कार्यक्रम शुरू हो गया है। इस मौके पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत स्वयंसेवकों को नागपुर में संबोधित कर रहे हैं। मोहन भागवत ने कहा कि शुभ कार्य से पहले शक्ति जरूरी होती है। भागवत ने कहा कि संघ के कार्यक्रमों में अतिथि के नाते समाज की महिलाओं की उपस्थिति की परम्परा पुरानी है। व्यक्ति निर्माण की शाखा पद्धति पुरुष व महिला के लिए संघ तथा समिति पृथक चलती है। बाकी सभी कार्यों में महिला-पुरुष साथ में मिलकर ही कार्य संपन्न करते हैं।

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संघ प्रमुख ने कहा कि 2017 में विभिन्न संगठनों में काम करने वाली महिला कार्यकर्ताओं ने भारत की महिलाओं का सर्वांगीण सर्वेक्षण किया, सर्वेक्षण के निष्कर्षों से भी मातृशक्ति के प्रबोधन, सशक्तिकरण तथा उनकी समान सहभागिता की आवश्यकता होती है।

RSS Shastra Pujan: जनसंख्या असंतुलन से आज भी बन रहे नए देश

आबादी के मुद्दे पर मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या बोझ है, लेकिन ये साधन भी बन सकता है। जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने भारत को सचेत करते हुए कहा कि एक भूभाग में जनसंख्या में संतुलन बिगड़ने का परिणाम है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सुडान से दक्षिण सुडान व सर्बिया से कोसोवा नाम से नए देश बन गए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति गंभीर मंथन के बाद तैयार की जानी चाहिए और इसे सभी पर लागू किया जाना चाहिए।

RSS Shastra Pujan: स्वार्थ और द्वेष के आधार पर दूरियां बनाने काम चल रहा है- भागवत

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने नागपुर में कहा कि समाज में विभिन्न वर्गों में स्वार्थ और द्वेष के आधार पर दूरियां और दुश्मनी बनाने का काम स्वतंत्र भारत में भी चल रहा है। उनके बहकावे में ना फंसते हुए, उनकी भाषा, पंथ, प्रांत, नीति कोई भी हो, उनके प्रति निर्मोही होकर निर्भयतापूर्वक उनका विरोध करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रगति के लिए जीवन में लचीलापन होना जरूरी है। भागवत ने जनसंख्या और रोजगार को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि रोजगात का मतलब नौकरी है और नौकरी के पीछे ही लोग भागेंगे और वह भी सरकारी। अगर ऐसे सब दौड़ेंगे तो कितनी नौकरी दे सकेंगे? किसी भी समाज में सरकारी नौकरी और प्राइवेट मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है। इसके बाद हमें खुद कोशिश करनी पड़ेगी। इस दिशा में स्टार्टअप बढ़िया पहल है।

RSS Shastra Pujan: दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी- भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। हमने लंका को उसके आर्थिक संकट में मदद की। यूक्रेन में अमेरिका और रूस की लड़ाई में हमने अपने हित को सबसे आगे रखा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम लगातार सफल होते जा रहे हैं और स्वावलंबी होते जा रहे हैं। इस नवोत्थान की आहट सुनकर हम भी प्रसन्न हो रहा हैं।

दरअसल, दशहरा के मौके पर आरएसएस में शस्त्र पूजन की परंपरा है। इस परंपरा को आज नागपुर में निभाया जा रहा है। ऐसा पहली बार है कि जब इस कार्यक्रम में किसी महिला को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है। इस बाद पद्मश्री संतोष यादव इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद हैं। वह दो बार माउंट ऐवरेस्ट फतह करने वाली अकेली महिला हैं।

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कार्यक्रम के तहत RSS प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे हैं। नागपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद हैं। बता दें कि 1925 में दशहरे के दिन ही आरएसएस की स्थापना की गई थी। डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। अपने स्थापना दिवस कार्यक्रम में संघ देश भर में पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन करता है।

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