सरहद की निगरानी करने के लिए भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट फेंसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जम्मू में देश के पहली स्मार्ट फेंसिंग के पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। जम्मू में भारत-पाकिस्तान सीमा पर पांच किलोमीटर के इलाके में इस सिस्टम को लगाया गया है। कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम कार्यक्रम के तहत लगाए जा रहे इस सिस्टम में अदृश्य दीवार रहेगी, जो सरहद की निगरानी करेगी। इस दौरान एक साथ कई सिस्टम काम कर रहे होंगे, जो हवा, जमीन और पानी में देश की सीमा की रक्षा करेंगे। जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सिस्टम, पानी के रास्तों में सेंसर युक्त सोनार सिस्टम और हवा में हाई रेजोल्यूशन कैमरा व एयरोस्टेट कैमरा दुश्मन की हर चाल पर नजर रखेंगे। इसके अलावा लेजर सिस्टम अंतरराष्ट्रीय सीमा के नदी नालों वाले इलाके में लगे होंगे। वहीं, इन सारे सिस्टम की निगरानी थोड़ी ही दूर पर बने यूनीफाइड कंट्रोल रूम के जरिए की जाएगी।
थर्मल इमेजर, भूमिगत सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार आदि विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं। इससे हर मौसम में 24 घंटे सीमा की निगरानी रहेगी। चाहे कोहरा हो या बारिश या फिर धूलभरी आंधी चल रही हो, सभी स्थितियों में घुसपैठ की जानकारी मिल सकेगी। इससे समय रहते बीएसएफ के जवान त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे। राजनाथ सिंह बीएसएफ मुख्यालय पलौड़ा में सैनिक सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। वे जवानों का हौसला बढ़ाएंगे। साथ ही उनकी समस्याओं से भी रूबरू होंगे। गृह मंत्री मकवाल गांव में बार्डर आउट पोस्ट का भी दौरा कर सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था तथा घुसपैठ रोकने के उपायों की जानकारी हासिल करेंगे।
बता दें कि पाकिस्तान घुसपैठ कराने के लिए हर चाल चल रहा है, तो इस घुसपैठ को रोकने के लिए भारत भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। लिहाजा इंटरनेशनल बॉर्डर की सुरक्षा कर रही बीएसएफ स्मार्ट फेंसिंग लगाने का पायलट प्रोजेक्ट जम्मू से शुरू कर रही है। भारत की 3,323 किमी सीमा पाकिस्तान से लगती है। कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर को इजरायल की तर्ज पर सुरक्षित करने का काम पिछले साल शुरू किया था। स्मार्ट फेंसिंग के साथ ही नदी नालों के इलाके में लेज़र वॉल भी लगाई गई है। इसके अलावा अंडरग्राउंड सेंसर्स और कैमरे से निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। गृह मंत्रालय पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के जरिए भारत-पाकिस्तान बॉर्डर को सील करना चाहता है, ताकि घुसपैठ को पूरी तरह रोका जा सके।